Tuesday, 4 August 2015

आज फिर लबो पर उनका नाम आया हैं , इन हवाओ में उनका पयाम आया हैं , बिखरी हैं इन वादियों में उनकी खुशबू , बादलो के रूप में उनकी आँखों का शैलाब आया हैं !

आज फिर लबो पर उनका नाम आया हैं ,
इन हवाओ में उनका पयाम आया हैं ,
बिखरी हैं इन वादियों में उनकी खुशबू ,
बादलो के रूप में उनकी आँखों का शैलाब आया हैं !

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