Sunday 9 August 2015

चंद लम्हा जो है दामन में

चंद लम्हा जो है दामन में ,
उसमें भी खुलकर जिलो ,
जो ग़म छुपा हैं तेरे दिल में ,
उसे भी हसकर पिलो ,
जो छुपी है ख़ुशियाँ ,
इन वादियों में ,
उसके एहसास में जिलो ,
इतनी छोटी तो नहीं ज़िन्दगी ,
चाहे तो तुम मरने के बाद ,
दूसरों के दिल में जिलो ,
जियो इस तरह के ,
एक पल में सदियाँ जिलो !

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