Saturday 8 August 2015

पहली बारिश की पहली बूंद

पहली बारिश की पहली बूंद ,
वो ठंडी सी लहर ,
दिल में उठी एक तरंग ,
वो शाम का आलम ,
हो साथ में बालम ,
वो नशीली आँखे ,
वो नशीला बदन ,
वो पत्तो की सरसराहट ,
जैसे सुना रहा हैं ,
कोई सुरीला सरगम ,
ऐसे मौसम में ,
हम भी मदहोश ,
तुम भी हो मदहोश ,
अब तो आजाओ ,
बाँहों में सनम ,
ये सारा आलम हैं मदहोश !

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