Saturday 8 August 2015

बादलों में काली घटा छाने लगी

बादलों में काली घटा छाने लगी ,
बाहों में सनम हमे तरसाने लगी !
जो गिरे बुँदे तन पे आज ,
उन बूंदों से नशा सा छाने लगी !
वो भीगकर यूँ इठलाने लगी ,
हमको हमीसे चुराने लगी !
देख के उनका गदराया बदन ,
ये बरसात भी उनपे मरने लगी !

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