Saturday 20 July 2019

वक़्त की डोर से आवाज देता हैं कोई छुप छुप कर अपना भी नाम लेता हैं कोई

वक़्त की डोर से , आवाज देता हैं कोई ।
छुप छुप कर , अपना भी नाम लेता हैं कोई ।।

सिसकता हैं कोई , बिलखता हैं कोई ।
अपने भी सलाम पर ,  मरता हैं कोई ।।

सम्भलकर सम्भलकर , दिल मे आता हैं कोई ।
सपना किसी और का , मिलता हैं कोई ।।

सताता हैं कोई , मनाता हैं कोई ।
रहे रहे कर दिल को,  जलाता हैं कोई ।

 पिता हैं कोई , बहकता हैं कोई ।
अपने भी कलम पर , मरता हैं कोई ।।

Tuesday 16 July 2019

प्यार हैं इकरार हैं इज़हार हैं कहेता हूँ सरे आम तुही मेरी जाने बाहर हैं

प्यार हैं इकरार हैं इज़हार हैं
कहेता हूँ सरे आम तुही मेरी जाने बाहर हैं

Monday 15 July 2019

नास्तिक से आस्तिक बनाते हैं गुरु । आत्मा से परमात्मा को मिलाते हैं गुरु ।।

नास्तिक से आस्तिक बनाते हैं गुरु ।
आत्मा से परमात्मा को मिलाते हैं गुरु ।।

श्रेष्ठ गुरु वही.....! जो उम्र से नहीं ज्ञान से बड़ा हो...!!

श्रेष्ठ गुरु वही.....!
जो उम्र से नहीं ज्ञान से बड़ा हो...!!

Monday 1 July 2019

अब तो बस जर्रे जर्रे से यहीं खबर आती हैं । गर चढ़ जाए गुरुर , तो मंज़िल कहा नज़र आती हैं ।।

अब तो बस जर्रे जर्रे से यहीं खबर आती हैं ।
गर चढ़ जाए गुरुर , तो मंज़िल कहा नज़र आती हैं ।।