जो करते हैं पसंद उन्हें सलाम
नो नहीं करते उन्हें भी सलाम
दुश्मनों को भी गले लगाते
यहाँ नफ़रतों का क्या काम
हमने तो मह्फ़िल में
खुलकर दिल तोल दिए
करते है जो अनदेखा
उनसे भी हँसकर बोल दिए
ऐसा नहीं के क़मज़ोर हुँ मैं
एक नया भोर हुँ मैं
इंसानियत की