Tuesday 17 December 2019
Monday 9 December 2019
Copy paste ki Logon Ko Itni Aadat pad gai hai Ki Koi Bhi Apne dimag per Jor dalna hi nahin Chahta Sab Ko Sab Kuch Saral tarike se chahie Baithe Baithe kaam ho jana chahie Are bhai dimag Per Thoda Jor daliye Isase aapka dimag bhi khul jaega Aur aapki Smaran Shakti bhi badh Jayegi Copyright :-#ॐTiwari
Copy paste ki Logon Ko Itni Aadat pad gai hai
Ki Koi Bhi Apne dimag per Jor dalna hi nahin Chahta
Sab Ko Sab Kuch Saral tarike se chahie
Baithe Baithe kaam ho jana chahie
Are bhai dimag Per Thoda Jor daliye
Isase aapka dimag bhi khul jaega
Aur aapki Smaran Shakti bhi badh Jayegi
Copyright :-#ॐTiwari
Saturday 7 December 2019
सच्चाई हैं रूह , बाकी सब ब्यर्थ बाजार
शक्ल सूरत पर मरने वालों
सुंदरता पर जज करने वालों
पैसे पर सब को तोलने वालो
हैसियत देखकर मरने वालों
आज हैं जो वो कल नहीं रहेगा
रूप रंग सब ढल जाएगा
नहीं रहेगा सदा अंधेरा
नहीं रहेगा ये सदा उजाला
रह जायेगी यारी दोस्ती
रह जायेगा कर्म तुम्हारा
मिट जायेगा ये शरीर
रह जायेगा ये रूह तुम्हारा
रूह की "यारी" यारी हैं
रूह का "प्यार" प्यार
सच्चाई हैं रूह
बाकी सब ब्यर्थ बाजार
सुंदरता पर जज करने वालों
पैसे पर सब को तोलने वालो
हैसियत देखकर मरने वालों
आज हैं जो वो कल नहीं रहेगा
रूप रंग सब ढल जाएगा
नहीं रहेगा सदा अंधेरा
नहीं रहेगा ये सदा उजाला
रह जायेगी यारी दोस्ती
रह जायेगा कर्म तुम्हारा
मिट जायेगा ये शरीर
रह जायेगा ये रूह तुम्हारा
रूह की "यारी" यारी हैं
रूह का "प्यार" प्यार
सच्चाई हैं रूह
बाकी सब ब्यर्थ बाजार
Thursday 5 December 2019
वो मेरी ही परछाई थी
कोई नहीं हमराही
नज़र हैं बस भरमाई
दूर दूर तक यादों का सागर
और साथ चली परछाई.........
कुछ दूर लोग साथ चले तो थे
लेकर हाथोँ में हाथ बढ़े तो थे
वख्त बदला लोग बदले
हिस्से मेरे जब तन्हाई आई थी
बचा एक यादों का बादल
और टूटी साथ चारपाई थी
घर भी था सुना सुना
जब सुनी उसकी कलाई थी
खुशियों का आंगन नहीं
आँसुओ की बरसात थी
मेरे साथ साथ चली
वो मेरी ही परछाई थी..........
नज़र हैं बस भरमाई
दूर दूर तक यादों का सागर
और साथ चली परछाई.........
कुछ दूर लोग साथ चले तो थे
लेकर हाथोँ में हाथ बढ़े तो थे
वख्त बदला लोग बदले
हिस्से मेरे जब तन्हाई आई थी
बचा एक यादों का बादल
और टूटी साथ चारपाई थी
घर भी था सुना सुना
जब सुनी उसकी कलाई थी
खुशियों का आंगन नहीं
आँसुओ की बरसात थी
मेरे साथ साथ चली
वो मेरी ही परछाई थी..........
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