Thursday 31 December 2015
ये उनका नया साल मनाऊँ कैसे
भारत की पहेचान
Wednesday 30 December 2015
सफ़र नए साल का
मेरे सनम का क्या कहेना
Tuesday 29 December 2015
अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति
Monday 28 December 2015
साथ फ़ेस्बुक और दोस्तों का
आ रहा फिर नया साल
Sunday 27 December 2015
बेवफ़ा हुस्न
कल तु भी मिट्टी में मिल जाएगा
हर देश अपना हर वतन अपना
Saturday 26 December 2015
ये अरमान आख़री हैं
Friday 25 December 2015
लूटती बहेनो की इज़्ज़त देखकर मैं भी शर्मिंदा कुछ कम नहीं
हूवा यूँ ख़ुश के ये इकरार पहेला पहेला हैं , मत पूछों हमसे ये सलाम पहेला पहेला हैं !
तेरे मेरे प्यार का अभी इकरार बाक़ी हैं , जाना ना तु सनम अभी शाम बाक़ी हैं !
Thursday 24 December 2015
हास्य कविता ( १ )
इतना न इठलाया करों
हुस्न परी
प्यार की राह
Wednesday 23 December 2015
इस रात की कभी सुबह ना हो
लालबाग च्या राजा ची महिमा निराळी
हर दिल में भक्ति जगालो महाशक्ति का नवरात्र हैं
लड़कियाँ और क़ानून
Tuesday 22 December 2015
एक तेरी मुस्कान में , मेरी सारी दुनिया समाईं हैं !
लड़कियाँ बचाओ दुनियाँ बचाओ
बूढ़ी हाँथों में अब वो जान नहीं
हाय रे क़िस्मत नारी की
क़ानून और महिलाएँ
Monday 21 December 2015
जो हिंदू पिघल गया मुल्लों की माफ़ी से , वो कल कहाँ था जब भगतसिंह चढ़े थे फाँसी पे !
तेरे प्यार में पड़कर गोरी , मेरी ज़िंदगी की आज आख़री रात हुई !
मिली जो नज़र से नज़र , तो ये ज़माना जान जाएगा !
Sunday 20 December 2015
सुबह के किरणों में , एक नया जीवन संगीत हैं !
इस रात की चादर में एक बेवफ़ाई का साया हैं , फिर भी न जाने क्यूँ मुझे वहीं चेहरा भाया हैं !
Saturday 19 December 2015
दिल की यादों में बस ख्याल हैं उनका , रातो के तन्हाई में बस साथ हैं उनका !
दिल की यादों में बस ख्याल हैं उनका ,
रातो के तन्हाई में बस साथ हैं उनका !
हर पल मेरे सामने चेहरा हैं उनका ,
मेरे हर मुश्किल में साथ हैं उनका !
मेरे इन होंठो पर तराना हैं उनका ,
इस तिनके को सहारा हैं उनका !
इन नैनों को हर पल तलाश हैं उनका ,
आँखे बंद करू तो बस दिदार हैं उनका !
होंठों पर हर पल नाम हैं उनका ,
मुझ पर लूट जाना ये अरमान हैं उनका !
आसमान की हूर हैं , या कोई नूर हैं ! दिल के आशियाने में , एक हल्का सा सुरूर हैं !
आसमान की हूर हैं ,
या कोई नूर हैं !
दिल के आशियाने में ,
एक हल्का सा सुरूर हैं !
सुंदरता की मूरत हैं ,
या कोई ख़्वाब हैं !
लगता हैं जैसे कोई ,
मंदिर की तू ज्योत हैं !
होंठो पर जो ये तेरा तिल हैं ,
गोरी यही मेरा दिल हैं !
कहे रहा ये पुकार के ,
मुझे तुझसे ही प्यार हैं !
तू ही मेरी अरमान हैं ,
तू ही मेरी जहान हैं !
मेरे प्यार की तुही मंजिल ,
तू ही मेरी आखरी कहानी हैं !
सुना हैं अब तू अपनी वफ़ा का गीत गाती हैं , मैं उन गीतों में तेरी वफ़ा का सुराग ढूंढता हूँ !
तेरी चाहत में मैं कभी हुवा था दिवाना ,
उस चाहत की अब वफ़ा ढूंढता हूँ !
मिले थे जो तेरे कदम मेरे क़दमो से ,
उन क़दमो का निशा हर राहों में ढूंढता हूँ !
तेरी बाँहों में हमने जो लम्हें गुजारे ,
उन लम्हों में तेरा वजूद ढूंढता हूँ !
तेरे संग बिताए जो रातें हमने ,
मैं उन रातों में तेरा निशा ढूंढता हूँ !
तेरे होंठो का रस वो मस्त नयन ,
वो बदन की खुशबू मैं अब तक ढूंढता हूँ !
सुना हैं अब तू अपनी वफ़ा का गीत गाती हैं ,
मैं उन गीतों में तेरी वफ़ा का सुराग ढूंढता हूँ !
सपनो की दुनिया से , एक हूरपरी आई हैं !
सपनो की दुनिया से ,
एक हूरपरी आई हैं !
रात का दिल बहलाने ,
वो हसीन चाँदनी आई हैं !
तुही शोला तुही शबनम ,
तुही बनकर प्रित आई हैं !
मेरे प्यार का सौगात लेकर ,
मेरे जीवन में तू बहार लाई हैं !
मेरी आशा की किरण है तू ,
तुही जीने की नई राह लाई हैं !
भटक गए थे हम तो मंजिल से ,
तूने ही मुझे मेरी मंजिल दिखलाई हैं !
पथ से काँटे हट जाएंगे , राम नाम जपना स्वीकार करलो !
आँसुवो में जिंदगी बिताने वालो ,
किस्मत पर एतबार करलो !
फिर होगा सवेरा जिंदगी में ,
उस खुदा पर थोडा एतबार करलो !
प्रभु तो हैं हर कण कण में ,
उनपर तुम विश्वास करलो !
मिल जाएगी मंजिल तुझे ,
चरणों में उनके खुद को न्योछावर करलो !
महेक उढ़ेगी बगिया तेरी ,
बेटियों को स्वीकार करलो !
करके स्वीकार उनको ,
अपने गलतियों का पश्चाताप करलो !
होंगे मुरादे पूरी बेटियों को ,
लक्ष्मी के रूप में स्वीकार करलो !
पथ से काँटे हट जाएंगे ,
राम नाम जपना स्वीकार करलो !
कल तक थे जो साथी तेरे आज वहीँ तेरे दुश्मन हैं , आँखे खोल के देख जरा तेरे अपने ही तेरे दुश्मन हैं !
सच्चा बनिए पर न बनिए चुग़ल ख़ोर ,
एक पैसे के ख़ातिर न फैलाओ झूँठ चहुओर !
सच बोलिए पर न बोलिए कभी झूँठ ,
ईश्वर का अंश हो बनो सच का ज्योत !
साया बनकर प्यार का चमको चहुओर ,
छाया दो रही को न भटकाओ उसे कहीं और !
प्यासे को पानी दो पंछी को दो दाना ,
भटकों को राह दिखा दो न यूँ तुम नींद भर सोना !
राहों में काँटे हैं बहोत ज़रा बच के तुम चलना ,
आने वाला हैं तूफान बड़ा जरा डट के तुम रहेना !
कल तक थे जो साथी तेरे आज वहीँ तेरे दुश्मन हैं ,
आँखे खोल के देख जरा तेरे अपने ही तेरे दुश्मन हैं !