Saturday 12 December 2015

अब तक जिसे चाहा मैंने यहीं पाया , पास आते हैं वो साथ छोड़ जाने के लिए !

पहेले साथ जुड़ते हैं वो साथ निभाने के लिए ,
फिर दिल में समाते हैं दिल जलाने के लिए !
अब तक जिसे चाहा मैंने यहीं पाया ,
पास आते हैं वो साथ छोड़ जाने के लिए !

कभी जो तुमने हमें कुछ दिया ,
धोखे के सिवा हमें कुछ ना दिया !
चलता रहा मैं वफ़ा के सहिलो पर ,
और तुमने हमें बेवफ़ाई के सिवा कुछ ना दिया !

आने वाला आ गया ,
जाने वाला चला गया  !
रहे गई बस अब उनकी यादें ,
हमको ज़िंदगी भर के लिए रुला गया !

मैंने अक्सर जिसका सुना  ,
वो मेरा दिल थी आप !
अब वो दिल ही ना रहा ,
अब जिएँगे हम क्या ख़ाक !

हम आए थे इस दुनिया में ,
बस आप के लिए !
जो आप ही साथ नहीं ,
तो लो हम भी चले ये दुनिया छोड़कर !

लोग आते हैं कुछ यादें लेकर ,
चले जाते हैं कुछ यादें देकर !
हम भी चले हैं ,
सबकी आँखो में आँसू देकर !

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