हर तूफ़ान आने से पहेले ,
सभी को देता हैं इशारा !
ना समझ हो अभी तुम ,
जो समझना सके इशारा !
सम्भल सको तो सम्भल ,
अब के ना आवाज़ लगाना !
यहाँ सभी हैं गूँगे बहेरे ,
किसी से कुछ ना आस लगाना !
मत सोच के तेरा यहाँ ,
कोई आसरा नहीं !
यहाँ सभी चोर हैं ,
कोई साहूकार नहीं !
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