पीने दे मुझे ये जाम आख़री हैं ,
बहेकने दे आज मुझे ये अरमान आख़री हैं !
होंठों पर ये आज मुस्कान आख़री हैं
चुभने दे पैरों में काँटे ये अरमान आख़री हैं !
मेरे प्यार का ये अंजाम आख़री हैं ,
तु करती जा हमपर ज़ुल्म यें अरमान आख़री हैं !
तेरे सितम की ये रात आख़री हैं ,
बहने दो आँखों से सैलाब ये अरमान आख़री हैं !
मत रोकों मुझे मेरी ये मंज़िल आख़री हैं ,
पहेना दो तुम मुझे कफ़न ये अरमान आख़री हैं !
फँस गया जिस प्यार की जाल में उनकी ये चाल आख़री हैं ,
उठने दो अब जनाज़ा मेरा ये अरमान आख़री हैं !
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