मैं तेरी याद में ये नज़्म लिखता हूँ !
लेकर एक पन्ना अतीत से उसपर कुछ लिख देता हूँ ,
तेरी हर अदाओं पर मैं गीत लिख लेता हूँ !
आ बैठ ज़रा पास मेरे तुझे दिल में उतार लेता हूँ ,
तुझको बनाकर अपना लफ़्ज़ काग़ज़ पर उतार लेता हूँ !
तेरे हर दर्द को अपना मरहम बना लेता हूँ ,
आ मेरे पास तुझे अपना खुदा बना लेता हूँ !
तेरी परछाईं को हर राह में ढूँढ आता हूँ ,
तु न मिले तो तुझे ग़ज़ल बना लेता हूँ !
तेरी यादों में मैं चंद अल्फ़ाज़ लिख देता हूँ ,
तेरे हर आँसूओं को काग़ज़ पर उतार लेता हूँ !
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