माँ की महिमा माँ ही जाने ,
और कोई न उन्हें पहचानें !
ममता से भरा वो माँ का आँचल ,
बस एक सच्चा पुत्र ही पहचानें !
Tuesday 26 May 2015
माँ की महिमा माँ ही जाने
अपनों से भी बढ़कर जहा प्यार मिले
अपनों से भी बढ़कर जहा प्यार मिले ,
जहा दिलों से दिलों की बात हों !
आँखों से दूर रहकर भी पास होंने का एहसास हों ,
आप वो दोस्ती की सच्ची मिसाल हों !
Monday 11 May 2015
क्यूँ यही अक्सर होता हैं
क्यूँ यही अक्सर होता हैं ,
हम किसी को चाहते हैं ,
उसे इसका एहसास नही ,
क्यूँ यही अक्सर होता हैं ,
अपना दिल जिस के लिए ,
इतना धड़कता हैं ,
वो किसी और पर मरता हैं ,
क्यूँ यही अक्सर होता हैं ,
प्यार की राह में अक्सर ,
सच्चा प्रेमी ही मरता हैं ,
क्यूँ यही अक्सर होता हैं ,
जिसे मिलती हैं मोहब्बत ,
उसे कद्र ही नही प्यार की ,
क्यूँ यही अक्सर होता हैं ,
हम जिसे चाहते हैं वो ,
अक्सर किसी और को चाहता है !
चेहरे धुले-धुले आसमान से होते
चेहरे धुले-धुले आसमान से होते ,
तो हर दिल की बात नजर आती !
पर इस नकाब पोश जमाने में ,
हर बुरी चीज ही अच्छी नजर आती !
Thursday 7 May 2015
मन में उठी जो ठंडी लहर वो प्यार हैं
मन में उठी जो ठंडी लहर वो प्यार हैं ,
जहा सम्भलन हो मुश्किल वो प्यार हैं ,
किसी के नाम का सिन्धुर वो प्यार हैं ,
किसी के नाम पूरी जिंदगानी लिखकर ,
खुद का पता भूलना वो प्यार हैं ,
उनका सिर्फ साथ रहना ,
ये एहसास होना वो प्यार हैं ,
किसी की याद में आँसू भी ,
निकलना हो मुश्किल वो प्यार हैं !
जख्म इस दिल पर होता हैं
जख्म इस दिल पर होता हैं ,
हमे फिर भी छुपाना पड़ता हैं !
सजा होती हैं आँखों को रोने की ,
और होठो को मुस्कुराना पड़ता हैं !
वो आँगन खेत खलियान वो मिट्टी की खुसबू अब है कहा !
वो आँगन खेत खलियान ,
वो मिट्टी की खुसबू अब है कहा !
वो प्यारा सा मेरा गाँव ,
वो प्यारी सी दादी की मुस्कान अब है कहा !
वो निम का छाव आँगन में ,
वो ममता की बरसात अब हैं कहा !
वो दादी का प्यार वो बचपन मेरा ,
वो आँगन वो छत अब हैं कहा !
वो रूठना मेरा वो दादी का मनाना ,
अब वो समय वो पल हैं कहा !
वो दादी का दुलार वो फटकार ,
वो दादी का गोद अब है कहा !
कितने मिनरल वाटर आज पि गया ,
पर उसमे वो मीठे कुवे का स्वाद है कहा !
कहा कहा ढूँढू तुझे मैं अब ओ दादी ,
कोई तो बताये वो दादी का जहाँ अब है कहा !
कितनी रातो से चैन से नही सोया ,
कोई तो बताए वो दादी की लोरो अब है कहा !
हम सब को अपना बनाकर चले वो खुद बेगाना बनकर !
हम सब को अपना बनाकर ,
चले वो खुद बेगाना बनकर !
हँसते आँखों में आँसू छोड़कर ,
चले वो ये जग छोड़कर !
दिल में सबके प्यार जगाकर ,
चले वो हमारा आशियाना बसाकर !
प्यार मोहब्बत की हमे बाते सिखाकर ,
चले वो मोहब्बत की नई राह बसाकर !
भूले भटको को रास्ता दिखाकर ,
चले वो नई मंजिल बनाकर !
हमें अपने यादों में बसाकर ,
चले वो एक नया जहाँ बसाकर !
Monday 4 May 2015
मेरे प्यार का वो हश्र हुवा
मेरे प्यार का वो हश्र हुवा ,
मेरे अपनों ने ही मुझे डूब दिया !
उफ़ ये उनका बेवफाई और सितम ,
चंद सिक्को के खातिर मेरा कत्ल किया !
Saturday 2 May 2015
देख के भी अनदेखा वो हमे कर गए
देख के भी अनदेखा वो हमे कर गए ,
इस भरी महफ़िल में हमे अकेला छोड़ गए !
हम बहोत चाहते थे उनको जी जान से ,
शायद इसलिए वो हमे जिंदा ही मार गए !
सूरज आया सूरज आया आसमान में सूरज आया !
सूरज आया सूरज आया ,
आसमान में सूरज आया !
धरती से अँधियारा मिटाने ,
देखो फिर सूरज आया !
रात की बात हुई पुरानी ,
फिर नया सबेरा लाया !
दो दिलो में प्यार जगाने ,
फिर एक नई सुबह लाया !
मिश्रपुर बरियाव एक सुंदर सा गाँव
मिश्रपुर बरियाव एक सुंदर सा गाँव ,
बसा उत्तरप्रदेश के बिच में !
सीधे सादे इंसान यहाँ ,
देशभक्त और वीर !
जिला इलाहाबाद हैं ,
बसे हम तारा के तीर !
जंघई के पास हैं ,
हड़िया हैं तहसील !
बड़े मेहनती और दानवीर ,
खुशियाँ बाटते हम भरपुर !
मुम्बई कलकत्ता सूरत ,
बसे हैं हम चहुवोर !
जय मिश्रपुर बरियाव ,
करते हम यह जय गान !
स्वर्ग से सुंदर ये मेरा गाँव ,
तुझे साष्टांग प्रणाम !