Thursday 7 May 2015

हम सब को अपना बनाकर चले वो खुद बेगाना बनकर !

हम सब को अपना बनाकर ,
चले वो खुद बेगाना बनकर !

हँसते आँखों में आँसू छोड़कर ,
चले वो ये जग छोड़कर !

दिल में सबके प्यार जगाकर ,
चले वो हमारा आशियाना बसाकर !

प्यार मोहब्बत की हमे बाते सिखाकर ,
चले वो मोहब्बत की नई राह बसाकर !

भूले भटको को रास्ता दिखाकर ,
चले वो नई मंजिल बनाकर !

हमें अपने यादों में बसाकर ,
चले वो एक नया जहाँ बसाकर !


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