Monday 29 February 2016

कोई ये लिखता है कोई वो लिखता हैं , मैं तो अपनी कलम से यारो सनम लिख

कोई ये लिखता है कोई वो लिखता हैं ,
मैं तो अपनी कलम से यारो सनम लिखता हू !

मुझसे न पूछो मेरा ये हाल दोस्तों ,
मैं कुछ न बोलकर बहोत कुछ लिखता हू !

थक जाता हु जब जमाने के जुल्मो सितम से ,
तब अपनी ही जुबा ये कलम लिखता हू !

बहोत देखे इन आँखों ने जुल्म जमाने में ,
उन जुल्मो की दस्ताने कलम लिखता हू !

जो कोई मिले उसे अपना बना लेता हू ,
मैं अपनी नहीं आपकी ज़ुबा लिखता हूँ !

जो भूखा मिले उसे दो रोटी खिला देता हू ,
मैं उन मासूमों के ख़्वाबों का महेल लिखता हू !
 
जो राह भटके उसे राह दिखा देता हू ,
मैं उन भटके राहियों की मंजिल लिखता हू !

जो मिला मुझे उसमे मैं खुश रहता हू ,
मैं तो यारों दुश्मनो के लिए भी दुवा लिखता हू !

जो भी आये शब्द उसे मैं पिरो देता हू ,
अपनी ही कलम से अपनी बर्बादी लिखता हू !

बहक जाते है जो लोग दुनिया की भीड़ में ,
उनको समझाने फिर दास्ताने कलम लिखता हू !

मेरी राहों में आज बिजली गिराकर , चले हैं वो चेहरे पर नक़ाब गिराकर !

मेरी राहों में आज बिजली गिराकर ,
चले हैं वो चेहरे पर नक़ाब गिराकर !
जब चाहा प्यार किया ,
जब चाहा छोड़ दिया !
ये प्यार हैं प्यार ,
मंदिर मस्जिद का प्रसाद नहीं !
जो हर चौखट पर ,
चले हो अपना दामन गिराकर !
Writer :- ॐTiwari

Saturday 27 February 2016

इस मौसम ने आज , फिर तेरी याद दिला दी हैं !

इस मौसम ने आज ,
फिर तेरी याद दिला दी हैं !
मुझको फिर तड़पाने ,
फिर तेरी याद चली आइ हैं !

जब याद आई तेरी तो ,
इन नयनो से बहे असू !
जितना रोका ख़ुद को मैं ,
उतनी ही तेरी याद आई !

दूर तलक न कोई राह है ,
और न कोई जीवन साथी !
साया भी अब साथ देता नही ,
वो भी है अब हरजाई !
 
न कोई अब राज दार है ,
न कोई अब जीवन साथी !
दूर तलक हैं अंधियारा ,
कोई राह नहीं आती !

तू जो रूठी तो सनम ,
रूठा मेरा खुदा है !
तूही मेरी धड़कन ,
तूही मेरी जीने की वजह हैं !

ए सनम तु छुपी हैं कहा ,
ढूँढू मै तुझको कहा कहा !
यू न रूठो हमसे जाना ,
बुला रहा तुझे मनमित तेरा !

Thursday 25 February 2016

मैं हूँ वहीं

मैं हूँ वहीं जहा मीत हैं मेरा ,
दिल हैं वही तु हैं जहा !
तु हीं गीत तु हीं संगीत हैं मेरा ,
मैं हूँ वहीं तु हैं जहा !

मैं हूँ वहीं जहा........

तु हैं वहीं जो ख़्वाब हैं मेरा ,
मैं हूँ वहीं तेरा साया हैं जहा !
तु हीं रीत तु हीं प्रीत हैं मेरा ,
मैं हूँ वहीं ये प्यार हैं जहा !

मैं हूँ वहीं जहा........

मैं हूँ राही तु सफ़र हैं मेरा ,
मैं हूँ वहीं तेरी मंज़िल हैं जहा !
तु ही दोस्त तु ही संसार हैं मेरा ,
मैं हूँ वहीं तु हैं जहा जहा !

मैं हूँ वहीं जहा........

Monday 22 February 2016

इस दुनिया में कहीं सच्चा दोस्त ना मिला , किसी के वफ़ा को यहाँ वफ़ा ना मिला !

इस दुनिया में कहीं सच्चा दोस्त ना मिला ,
किसी के वफ़ा को यहाँ वफ़ा ना मिला !
जहाँ रहा तनहा ही रहा ,
इस नाचीज़ को कभी अपनो का साथ ना मिला !

वो यार आज यार ना रहा ,
अब हमें किसी से प्यार ना रहा !
जहाँ भी गए धोखा ही मिला ,
अब हमें किसी पर ऐतबार ना रहा ,

हर गिरते को मैं सम्भालता रहा ,
मैं गिरा तो कोई हाँथ ना मिला !
मैं जिसे अपना समझता रहा ,
वही मुझे बुरा मिला !

Sunday 21 February 2016

ज़रा बच कर रहना तुम यारों , यहाँ कोई किसी का यार नहीं !

ज़रा बच कर रहना तुम यारों ,
यहाँ कोई किसी का यार नहीं !
यहाँ दिल में लिए फिरते हैं कटार ,
ये चलन हैं यहाँ का निराला यारों !

पहले बन जाएँगे तेरे यार ,
फिर बन जाएँगे कुछ ख़ास !
भरोसा दिला कर ये तुमको ,
तुम्हीं को लूट जाएँगे एक दिन यार !

इनका कोई रूप रंग नहीं ,
इनका कोई धर्म नहीं !
दे जाते हैं ये हर किसी को धोखा ,
यारी निभाना इनका कर्म नहीं !

अपनो ने हीं मेरे क़त्ल को अंजाम दिया , यारों ने भी आज क्या ख़ूब नाम किया !

अपनो ने हीं मेरे क़त्ल को अंजाम दिया ,
यारों ने भी आज क्या ख़ूब नाम किया !

बिन क़सूर के यारों ने हमें बेवफ़ा नाम दिया ,
ख़ुद को बे दाग़ मुझको दाग़ दाग़ किया !

मैंने लाई सुबहों उन्होंने शाम दिया ,
बिन क़सूर के मुझे दूर ही से सलाम किया !

मेरी वफ़ा का क्या ख़ूब इनाम दिया !
किस पे करूँ भरोसा सब ही ने मुझे बदनाम किया !

दोस्ती करना हीं गर गुनाह हैं यारों ,
तो माना हा मैंने बुरा काम किया !

नवाबों सा जो तेरा ख़्वाब हैं सनम , नसीबों से ज़्यादा न मिलेगा तुझे सनम !

नवाबों सा जो तेरा ख़्वाब हैं सनम ,
नसीबों से ज़्यादा न मिलेगा तुझे सनम !

गुलाबों की एक कली थीं कभी तु सनम ,
शराबों की प्याली बन गई अब तुम सनम !

डुबो रक्ख़ा हैं ख़ुद को शराबों में तूने जो सनम ,
हिज़ाबों में रहेना कब तूने सीखा सनम !

ख़्वाबों में ही मिलेंगे अब तुम्हें सनम ,
किताबों में हीं मिलेंगे अब तुम्हें सनम !

Writer :- ॐTiwari

Saturday 20 February 2016

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त ,
मैंने बोला प्यार हो गया ,
उसने बोला धत्त !

बाग़ों में गुलाब हैं आसमान में चाँद हैं ,
हाँथों में हाँथ हैं तेरा मेरा साथ हैं ,
तु तो लाजवाब हैं तु तो लाजवाब हैं ,
हा मुझको तुमसे प्यार हैं हा मुझको तुमसे प्यार हैं ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

सुबहों से शाम हो गई शाम से रात हो गई ,
मेरी उनसे कुछ ऐसी बात हो गई ,
बातों ही बातों में ये आँखें चार हो गई ,
मैंने बोला तुम कितनी हँसी हो गई ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

आज मैं बेक़रार हो गया ,
उस चाँद से मुखड़े का दीदार हो गया ,
आँखो ही आँखो में बात हो गया ,
मैंने बोला तुमको मुझसे मुझको तुमसे प्यार हो गया ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

उनसे हैं मुझको प्यार ये चर्चा आम हो गया ,
सब के ज़ुबा पर तेरा मेरा नाम हो गया ,
दोस्तों में मैं भी आज बदनाम हो गया ,
सच मुच मुझको तुमसे प्यार हो गया ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

कोई दोस्त नहीं कोई यार नहीं , इस शहर में अब अपना कोई काम नहीं !

कोई दोस्त नहीं कोई यार नहीं ,
इस शहर में अब अपना कोई काम नहीं !

पत्थर हैं सब लोग कोई यहाँ इंसान नहीं ,
चेहरे पे चेहरा हैं किसी का दामन यहाँ पाक नहीं !

जिसको तुम पढ़ सको यहाँ वो चेहरा नहीं ,
सब हैं मतलब के कोई यहाँ तेरा यार नहीं !

तेरे प्यार का अब मुझे कोई जुनून नहीं ,
ये जो आँसू हैं दोस्त हैं कोई दुश्मन नहीं !

तेरे जुदाई का यूँ तो मुझे कोई ग़म नहीं ,
पर तुझे भी अब वफ़ा करने का कोई हक़ नहीं !

तेरे हुस्न ने आज जलवा बिछाया हैं

तेरे हुस्न ने आज जलवा बिछाया हैं ,
इस रात को तूने ही मदहोश बनाया हैं !

देख के तेरा ये हुस्न चाँद भी आज शर्माया हैं ,
तूने तो आज मुझे नैनो से जाम पिलाया हैं !

तु जो सनम धुँधली रोशनी में नहाकर आइ हैं !
सच में तेरे हुस्न ने मुझे बहोत बहेकाया हैं ,

तूने ने जो आज कमर बलखाई हैं ,
सच बोलू बूढ़ों में भी रवानी आइ हैं !

तुझे देखते हीं बहेकते सारे हैं ,
और तोहमत तूने शराब पर लगाई हैं !

आज वहीं रक़ीब हैं जो कल हबीब थे

आज वहीं रक़ीब हैं जो कल हबीब थे ,
मुझे मिला वहीं जो अपने नशिब थे !

बनकर हबीब जो अब तक क़रीब थे ,
ठोकर लगी तो जाना वो एक फ़रेब थे !

जिसने तबाह किया ये वो सैलाब थे ,
हक़ीक़त नहीं वो एक ख़्वाब थे !

मैं था पानी वो एक शराब थे ,
अब जाना हमने के वो ख़राब थे !


Thursday 18 February 2016

आपकी तारिफ़ में मैं क्या कहूँ

आपकी तारिफ़ में मैं क्या कहूँ ,
आपको जहाँ का प्यार मिले !
जों आए राहों में काँटे तो ,
खुदा करे हर उस काँटों को फूल का रूप मिले !

जिस राह से चलो आप ,
हर वो राह हो ख़ुशियों भरा !
जो आए मुश्किल तो वो मुझे मिले ,
तेरा हर सफ़र हो प्यार भरा !

जो लगे कभी धूप तुझे तो ,
आसमान के आँचल का छांव मिले !
जब सताने लगे ये ज़माना तो ,
उस खुदा का तुझे साथ मिले !

शायरी सब करते हैं तेरे हुस्न पर ,
तुझपर जो शायरी करे मुझे ऐसा कोई बता !
हसीन चेहरे के सब दीवाने होते हैं ,
कोई तेरा दीवाना हो तो बता !

कभी देखा सुना नहीं तुझे ,
मगर तु होगी ज़रूर खुदा !
वरना इस नाचीज़ को ,
कोई नहीं चाहता इतना !

पल भर के प्यार के लिए अपनो को रुसवा कर जाती हैं

प्यार में लोग क्या से क्या कर जाते हैं ,
दो पल की मौज में जन्म दाता को भूल जाते हैं !

दिल से दिल मिलते ही सारी हदें तोड़ जाती हैं ,
प्यार मोहब्बत की सारी ये रस्में तोड़ जाते हैं !

अपना काम होते हीं ये आशिक़ छोड़ जाते हैं ,
फिर सारी उम्र अपनी ग़लतियों पर ये पछताती हैं !

एक अजनबी के ख़ातिर अपनी हदें तोड़ जाती हैं ,
पल भर के प्यार के लिए अपनो को रुसवा कर जाती हैं !

Wednesday 17 February 2016

क़िस्से सबको हमारी सुनाती हैं वो

अपने हर दर्द को छुपाकर मुस्कुराती हैं वो ,
अपनी आदत से बाज़ नहीं आती हैं वो !

पूछ लेती हैं हर राज मेरा मुझसे ,
अपनी हर बात छुपाती हैं वो !

अपनी हँसीं में तूफ़ानो को छुपाती हैं वो ,
न जाने कैसे मुझे किनारे लगाती हैं वो !

आप ख़ुद तो बड़ी चलाखा हैं मगर ,
क़िस्से सब को हमारी सुनाती हैं वो !

Monday 15 February 2016

बंद कमरों में ये कैसा प्यार

ये कैसा प्यार ये कैसा वेलेंटाइन ,
जिस्माना रिश्ता जिस्माना प्यार !
कॉलेज उनका बना गेस्ट हाउस ,
बंद कमरों में ये कैसा प्यार !

बंद कमरों में ये.........

प्यार पल रहा अब बंद कमरों में !
प्यार का मोल अब सिर्फ़ जिस्मानी रिश्तों में !
प्यार की ये परिभाषा गूँज रहीं हैं गली गली ,
बंद कमरों होटलों में खिल रहीं हर कली कली !

बंद कमरों में ये.........

प्यार का आज रूप रंग हैं अलग अलग ,
शादी से पहले जाती हैं सब अब फिसल फिसल !
हाय अब इस भारत देश की कौन लाज बचाए ,
अपने ही हाँथों लूटा रहीं आज इज़्ज़त सारी !

बंद कमरों में ये.........

 पाक पवन रिश्ते का अब बदल रहा रूप हैं ,
प्यार के नाम पर हो रहा अब गंदा खेल हैं !
जहाँ देखो वही सड़कों पर चिपके बैठे है ,
इस पावन रिश्ते को कर रहे बदनाम हैं !

बंद कमरों में ये.........

देख के इस मौसम की मदहोशी

देख इस मौसम की मदहोशी ,

मदहोश हुआ ये सारा आलम हैं !

मैं तन्हाई और साथ कोई नहीं ,

ऐसे में तु आजाए तो सँवर जाए ये ज़िंदगानी !

इस मौसम में खोकर आज ,

ये हुस्न और भी निखरा हैं !

मुझे देखने तु तो क्या ,

ये चाँद सितारे भी आज निकले हैं !

Sunday 14 February 2016

प्यार की ये परिभाषा और कहाँ हैं

हुस्न और प्रेम की भारत में मिसाल हैं ,
गोरे गोरे गालों की गुलाल में सारी कायनात हैं  !

दुनिया में कड़वा चौथ और कहाँ हैं ,
चाँद के दर्शन में सुहागिनों की जान और कहाँ हैं !

सात जन्मो का प्यार इस दुनिया में और कहाँ हैं ,
वो प्रेम के प्रतीक कृष्ण और राधा और कहाँ हैं !

पायल की ये झंकार और कहाँ हैं ,
दुनिया में घूँघट में लाज और कहा हैं !

मीरा सी प्रेम दीवानी और कहाँ हैं ,
राधा और बाँसुरी की तान और कहाँ हैं !

बिंदिया कंगना झुमका ये शान और कहाँ हैं ,
प्यार की ये परिभाषा और कहाँ हैं !

एक सुंदर सपना हों तुम

एक सुंदर सपना हों तुम ,
कल कल करती नादिया हों तुम !
आप ही आफ़रीन आप हीं परी ,
हर जवाँ दिल के ख़्वाबों की मलिका हों तुम !

क्या मिसाल दूँ मैं आपकी दुनिया को ,
आप ख़ुद में एक जवाब हों तुम !
आप सा तो वो खुदा भी सुंदर नहीं ,
सुंदरता की पहेचान हों तुम !

आप के मुस्कान की बात निराली ,
आप के चेहरे की शान निराली !
आप जैसा कोई नहीं ,
लाखों में आप सब से प्यारी !

नई सुबह की नई किरण हों तुम ,
सुंदरता की मूरत हों तुम !
आप से सिखा लहेराना सागर ने ,
सच बोलू तो डुबतों की पतवार हों तुम !

आसमान की चाँद हों तुम ,
इस दुनिया की जान हों तुम !
हर दिल की धड़कन हों ,
हर जीने वालों की पहली आस हों तुम !

तारों का जहाँ हों तुम ,
इस धरती की शान हों तुम !
आप हीं सब के सपनो की परी ,
सच में सबके आँखों का तारा हों तुम !

Friday 12 February 2016

अपना होश किसी पर तुम भी गँवाकर देख लो

प्यार की नगरी में क़दम ज़रा बढ़ाकर देख लो ,
अपना होश किसी पर तुम भी गँवाकर देख लो !

बाँहों में उनके समाकर कभी देख लो ,
होंठों से होंठ ज़रा सटाकर देख लो !

कैसे बहकते हैं क़दम किसी के ,
तपते फूलों के पंखुड़ियों को ज़रा चूमकर देख लो !

देखना चाहो हुस्न की आग तो ,
कभी उनके अधरों को छूकर देख लो !

होश उनके भी खो जाएँगे  ,
ज़रा पैरों को सहेलाकर देख लो !

होती हैं क्या भूख चाहत की लोगों ,
चाहें तो तपते बदन पर अधरों को रखकर देख लो !


आज का संस्कार

अपनो की बातें बेकार दूसरों की बातें प्यारी हैं ,
अपनो की इस लड़ाई में सदा दूसरों ने बाज़ी मारा हैं ,

मंदिर मस्जिद को भूले सब मदिरालय सभी को प्यारा हैं ,
संस्कार की धज्जियाँ उड़ी जड़ से जुदा आज सारी शाखाएँ हैं !

लाचार बुज़ुर्ग घर में बैठे और हमें पड़ोसी प्यारा हैं ,
मुद्दल की तो बात छोड़ो यहाँ तो सब को सूत प्यारा हैं !

घर में बैठी भूखी माँ और हमें दोस्त प्यारा हैं ,
अपनी लगती बद सूरत सदा दूसरों की बीवी प्यारी हैं !

साड़ी ड्रेस अब भाता नहीं मिनीस्कर्ट सब को प्यारा हैं ,
प्यार की यहाँ परवाह हैं किसको अब तो जिस्म सभी को प्यारा हैं !

आज कृष्ण का रास नहीं सभी को राधा प्यारी हैं ,
घोर कलयुग आया भाई अब राधा भी लगती सबको सेक्सी हैं !

Thursday 11 February 2016

वो वीर हनुमन्तथप्पा

वो लाल था इस भारत माँ का जो ,
बर्फ़ो में भी दबकर ज़िंदा था !
मौत से लड़ता रहा जो हफ़्तों ,
वो वीर हनुमन्तथप्पा था !
दुनिया भी अचरज में हैं ,
ये कौन सा करिश्मा था !
न जाने कौन सी शक्ति थी ,
जिससे से वो वीर बर्फ़ो में भी ज़िंदा था !
बड़ी शक्ति दिखाई उसने ,
पर काल से बच न पाया !
वो वीर जवान रेफरल हॉस्पिटल में ,
आज चिर निद्रा को सोया !

Tuesday 9 February 2016

ये हमसे कभी गुनाह ना हों

सफ़र ये प्यार का कभी ख़त्म ना हों ,
आप जुदा हों यें हमसे कभी गुनाह ना हों !

तेरे सिवा ज़ुबा पर किसी और का नाम ना हों ,
मैं तुझको भूल जाऊँ ये हमसे कभी गुनाह ना हों !

बिन तेरे जीना पड़े ऐसा कोई पल ना हों ,
आपसे मैं दग़ा करूँ ये हमसे कभी गुनाह ना हों !

बिन तेरे मेरी सुबह की सुरूवात ना हों ,
आप का दीदार ना हों ये हमसे कभी गुनाह ना हों !

आँखे बंद करूँ और तेरा दीदार ना हों ,
खुदा करे ये हमसे कभी गुनाह ना हों !

Saturday 6 February 2016

ए दिल यूँही प्यार के तराने तु गाए जा

ए दिल यूँही प्यार के तराने तु गाए जा ,
सब को अपनी धुन तु सुनाए जा !
एक नग़मा हैं ये प्यार का ,
इसे भी तु गुन गुनाएजा !

रोज़ आता नहीं ये प्यार का दिन ,
सब के लिए तु गुन गुनाएजा !
छेड़ दे आज फिर वहीं ,
प्यार के धुन तु गाए जा !

जो किसी ने सुना नहीं छेड़ दे वो गीत ,
चाँद तारों से भी प्यारी अपनी दोस्तों की प्रीत !
उनके दिल में मैं हूँ मेरे दिल में वो ,
गाए जा तु गाए जा आज फिर वहीं धुन !

सुरीली तान लगाए जा सपनो की दुनिया दिखाए जा ,
उन्हीं से हैं ये संगीत सब दोस्तों को बतलाए जा !
जो उन्होंने सुना नहीं छेड़ के आज वो तराना ,
प्यार के गीत तु गाए जा ए दिल प्यार के गीत तु गाए जा !


Friday 5 February 2016

कभी किसी को प्यार तो कभी रोटी नहीं मिलता

कभी किसी को प्यार तो कभी रोटी नहीं मिलता ,
लग जाए प्यास तो उन्हें कभी पानी नहीं मिलता !
हम तो ख़ुश हैं अपनो में यारों ,
पर उनको कभी ख़ुशियों का पिटारा नहीं मिलता !

शिक्षा के इस दौर में उनको शिक्षा नहीं मिलता ,
सब पढ़ाते हैं पैसे को कोई ग़रीब नहीं पढ़ाता !
देख के शिक्षा के इस भेद भाव को ,
हमको डूब मरने के लिए चूल्लु भर पानी नहीं मिलता !

दाने दाने को मोहताज हैं फिर भी चेहरे पर सिकन नहीं मिलता ,
मर जाते हैं यूँही सड़कों पर कभी उनको कफ़न नहीं मिलता !
तलाशती हैं उनकी नज़र किसी अपने को ,
पर उनको कभी ख़ुशियों का संसार नहीं मिलता !

हम हैं के हमें उनके दर्द का कभी सुराख़ नहीं मिलता ,
बरसती हुई उन आँखो का कभी हमें हाल नहीं मिलता !
कर देते हैं हम यूँही ख़र्च व्यर्थ पैसे को ,
और वो हैं के उनको कभी खाने पीने का समान नहीं मिलता !

कभी बरसात में छत तो कभी तूफ़ानो में किनारा नहीं मिलता ,
फेंक देते हैं हम यूँही खाने को उनको कभी एक निवाला नहीं मिलता !
बड़े शर्म से झुक गया मेरा आज सर ,
हमने तो मौज में पी ली शराब उनको कभी पानी का एक बूँद नहीं मिलता !

Thursday 4 February 2016

पीने दे आज मुझे के यार की शादी हैं

पीने दे आज मुझे के यार की शादी हैं ,
बहेकने दे आज क़दम के यार की शादी हैं !

ना होश में आने दे हमें के यार की शादी हैं ,
पीने दे पिलाने दे के यार की शादी हैं !

कुछ तुम बहेको कुछ हम बहेके के मेरे यार की शादी हैं ,
भूल जाओ आज सारे ग़म के मेरे यार की शादी हैं !

बहोत ख़ुश हूँ के मेरे यार की शादी हैं ,
आओ नाचो गाओ दोस्तों के मेरे यार की शादी हैं !

सोना हैं आज मना के मेरे यार की शादी हैं ,
हुल्लड हुड़दंग मचे सारी रात के मेरे यार की शादी हैं !

दिल जल जाता हैं मेरा जब तुझे कहें कोई फ़ेक

कोई तुझे हक़ीक़त कहें ,
कोई कहें तुझे झूँठ !
दिल जल जाता हैं मेरा ,
जब तुझे कहें कोई फ़ेक !

झूठे की तारिफ़ यहाँ सब करे ,
सच की तारिफ़ करे न कोय !
दिल में काला लिए मुख से कहें दोस्त ,
जब मैं तुझे काला कहूँ तो काहे तु करे शोर !

शोर मचाके करे तु ता ता थईया ,
जैसे बिन ताल के नाचे कोई बंदरिया !
साथी तेरे माशा अल्लाह ,
जैसे बेगानी शादी में नाचे अब्दुल्ला !

तुझे पता हैं मैं हूँ कौन मुझे पता हैं तु हैं कौन ,
फिर क्यों बिन बात के तु मुझे आवाज़ लगाए !
सच कहूँ तो लगती सब को मिर्ची ,
क्यों बार बार तु हीं मुझे उकसाए !

कब ओपन कब हमें तु ब्लॉक कर देती हैं

तकलीफ़ बातें नहीं तेरी अदाए देती हैं ,
मेरे हर जवाब पर फिर तु नया सवाल देती हैं !
पता हीं नहीं चलता बातों ही बातों में ,
कब ओपन कब हमें तु ब्लॉक कर देती हैं !

कहेने को तु मेरी दोस्त हैं ,
पर तु बड़ी शरारत करती हैं !
बिन बात के अक्सर ,
मुझे हीं तु फँसाती हैं !

बात अच्छी हो तो कोई बात नहीं ,
पर अक्सर बुरी बात हीं करती हैं !
किन किन नाम से पुकारू तुझे ,
तु अक्सर ही फ़ेक आइड़ी से बात करती हैं !

इसको पकड़ा उसको छोड़ ,
उसको पकड़ा इसको छोड़ा !
कब किसको पकड़ा किस को छोड़ा ,
बस इसी उल्लझन में तु हमें फँसाती हैं !

न जाने क्यूँ अक्सर हीं हमें ,
ये लड़कियाँ फँसाती हैं !
हमसे भी अच्छा कोई मिल जाए तो ,
फिर हमें रास्ते से हटाती हैं !

लाज एक गहना हैं

लाज एक गहना हैं ,
तन ढक कर चल ओ गोरी !
शर्मो हया का बंधन हैं ,
यूँ तन खोल न ओ गोरी !

समय बड़ा विचित्र हैं ,
यूँ न मटक ओ गोरी !
तड़क भड़क में खोना ना ,
ख़ुशियों से यूँ मुँह मोड़ना ना !

फ़ैशन के इस आडंबर से ,
जलते कुछ लोग हैं !
इंसान के रूप में ,
वो भेड़िए हैं सारे लोग !

देखते हीं अर्ध नग्न बदन को ,
बहेक जाते हैं कुछ लोग !
मेरी मानो तो माँ बहेनो ,
छोड़ दो ये सारे सोंग !

कपड़ों के फ़ैशन को छोड़ ,
फ़ैशन करों दिमाग़ का !
कर के तुम बुद्धि को तेज़ ,
करो तुम नाम रोशन भारत का !

Writer :- ॐTiwari

Wednesday 3 February 2016

राही को मिले मंज़िल और हर टूटे दिल को चैन आए

इतनी प्यारी सुबह की मुस्कान सारी थकान मिटाए ,
इन पलकों की छांव में बड़ा हीं आराम आए !
आपकी दोस्ती सभी को रास आए ,
राही को मिले मंज़िल और हर टूटे दिल को चैन आए !

मेरी हर सुबह मेरी हर शाम हैं तु

मेरी हर सुबह मेरी हर शाम हैं तु ,
मेरे हर दुआ की पहेचान हैं तु !
माना इस शोहरत में तु मुझको भूल गई ,
पर सच बोलू तो मेरे ज़िंदा रहेने की राज हैं तु !

मेरे हर सुबह की अज़ान हैं तु ,
मेरे हर पल की ख़ुशी हैं तु !
हक़ हैं तुझे तु मुझको भूल जा ,
पर सच कहूँ तो मेरी हर साँस हैं तु !

मेरे जिस्म की धड़कन हैं तु ,
मेरे मन मंदिर की मूरत हैं तु !
तेरी हर बेवफ़ाई को मैंने माफ़ किया ,
सच कहूँ तो मेरी खुदा हैं तु !

मेरे निव की आधार हैं तु ,
मेरी जीवन रेखा हैं तु !
अब तुझसे मैं क्या कहूँ ,
सच बोलू तो मेरी संसार हैं तु !



ये शाम ये हुस्न ये आँखो का जाम

ये शाम ये हुस्न ये आँखो का जाम ,
कोई कैसे न बहेके देख के तेरी ये चाल !
नशीली आँखे क़टिला बदन ,
ये देखकर किसका न हों नियत ख़राब !


Monday 1 February 2016

कोई अपना

अँधेरा भी एक दिन मुस्कुराएगा ,
जब हर कोना कोना दीप से जगमगाएगा !

इस रात को फिर मज़ा आएगा ,
जब कोई चाँद उसकी आग़ोश में आएगा !

ये दर्द आज नहीं तो कल थम जाएगा ,
जब कोई अपना तुझे ही रुलाएगा !

मौत से भी एक दिन प्यार हों जाएगा ,
जब ज़िंदगी में तुझे भी कोई अपना ठुकराएगा !

बिन तोहरे

बिन तोहरे हमार सुना जीवन ,
बिन तोहरे आज दिल बेचैन बा !
का करी आज जतनवा के ,
बिन तोहरे आज मन उदास बा !

जइसे धरती से दूर गगन बा ,
जइसे गंगा में जमुना के संगम बा !
वईसई गंगा सा पवित्र हमार प्यार ,
बिन तोहरे बेकार ई संसार बा !

बिन तोहार हमार सुना जीवन ,
बिन तोहरे भटकल हमार राह बा !
आके ई हमार हाथ थाम ल ,
तोहई से ई हमार पूरा संसार बा !

तोहरे इंतज़ार में बीत रहल ई जवानी ,
बिन तोहरे अब नाहीं कटत ई जवानी !
अब त मान जा ओ सजनिया ,
बिन तोहरे अटकल हमार ई साँस बा !

तोहई हमार प्यार क मूरत ,
तोहई हमार सुहाना पल !
बस तोहरे इक मुस्कान के ख़ातिर ,
ई दीवाना ई दुनिया में आइल बा !