Tuesday 24 July 2018

Friday 20 July 2018

रूप रंग पर मरने वाले एक दिन ख़ून के आँसू रोएँगे

रूप रंग पर मरने वाले
एक दिन ख़ून के आँसू रोएँगे
उम्र ढलते ही जिस्म ढल जाएगा
ये रूप रंग, ये हवस के साथी सब साथ छोड़ जाएँगे
तब उम्र के उस पड़ाव में और कोई नहीं
बस एक सच्चा साथी काम आएगा

Teri Manzil Ka Maine Hi Aakhri Kinara Hu•• Sanam Maine Vahi Tera Aashiq purana Hu••••

Teri Manzil Ka Maine Hi Aakhri Kinara Hu••
Sanam Maine Vahi Tera Aashiq purana Hu••••

करता हूँ आख़री सलाम सब को ! उठ रहा हैं जनाजा मेरे इश्क़ का !!

टूट कर रहे गया सपना मेरे इश्क़ का !
बहे गया आँखों से अफ़साना मेरे इश्क़ का !!

खुदा करे मिले तुझे तेरी मंज़िल !
अब तो गाएगा वक़्त तराना मेरे इश्क़ का !!

करोड़ों में खेलने वाली क्या समझेगी इश्क़ को !
अधूरा ही रहे गया फँसाना मेरे इश्क़ का !!

उनकी नज़र में कवड़ी का मेरा मोल नहीं !
बेमोल रहा ख़ज़ाना मेरे इश्क़ का !!

करता हूँ आख़री सलाम सब को !
उठ रहा हैं जनाजा मेरे इश्क़ का !!

मैंने तुझसे मोहब्बत की हैं कोई ज़िस्म फरोशी नहीं कि हैं चाहत हैं बस रूह की जिस्म की फरमाइश नहीं कि हैं

मैंने तुझसे मोहब्बत की हैं
कोई ज़िस्म फरोशी नहीं कि हैं
चाहत हैं बस रूह की
जिस्म की फरमाइश नहीं कि हैं

Tuesday 10 July 2018

खुद को हमसे छुपाती हो । सनम तुम भी हमपर बड़ा जुर्म ढाती हो ।।

दूर रहकर भी पास रहती हो ।
कुछ न कह कर भी तुम बहोत कुछ कहती हो

छुप छुप कर नज़र रखती हो ।
तुम मुझे वहीं खाबों की रानी लगती हो ।।

भेष बदलकर फिरती हो ।
हमे पता हैं तुम हमपर मरती हो ।।

ख्वाबों में रोज़ मिलती हो ।
बात करूं किसी से तो जलती हो ।।

खुद को हमसे छुपाती हो ।
सनम तुम भी हमपर बड़ा जुर्म ढाती हो ।।


दिल मे उठा हैं दर्द तो भी मुस्कुराते चलिए हर हाल में गीत गुन गुनाते चलिए

दिल मे उठा हैं दर्द तो भी मुस्कुराते चलिए
हर हाल में गीत गुन गुनाते चलिए

चार पल का हैं डेरा यहाँ
हर पल में मौज मनाते चलिए

तेरा मेरा का बैर छोड़
सबको साथ मिलाते चलिए

कोई न हो पाए जुदा किसी से
कुछ इस तरह माहौल बनाते चलिए

Saturday 7 July 2018

दिल में उसकी चाहत , और 💋 लबों पे उसका नाम है ! वो वफ़ा करे ना करे , जिंदगी तो अब उसी के नाम है !!

दिल में उसकी चाहत ,
और 💋 लबों पे उसका नाम है !
वो वफ़ा करे ना करे ,
जिंदगी तो अब उसी के नाम है !!

ज़िन्दगी में दोस्त बार बार नहीं मिलते किस्मत का फूल हैं ये हर बार नहीं खिलते

ज़िन्दगी में दोस्त बार बार नहीं मिलते
किस्मत का फूल हैं ये हर बार नहीं खिलते

लूट न पाए किसी की आबरू आज सब ये प्रण करलो

जिससे रिश्ता नहीं कोई
उसकी भी रक्षा कर दो
सब की रक्षा का तुम
आज प्रण कर लो
तुमसे मांगे कोई मदत
उससे पहले तुम मदत कर दो
लूट न पाए किसी की आबरू
आज सब ये प्रण करलो

हैं वो ख़याल तो उसे ख़याल ही रहने दो इश्क के बीमार को बीमार ही रहने दो

हैं वो ख़याल तो उसे ख़याल ही रहने दो
इश्क के बीमार को बीमार ही रहने दो

बेनाम हैं जो रिश्ता उसे बेनाम ही रहने दो
राज हैं वो उसे राज ही रहने दो

हैं वो निगाह कातिल तो उसे कातिल ही रहने दो
बेवफा हैं वो उसे बेवफा ही रहने दो

अंजान हैं तुझसे वो उसे अंजान ही रहने दो
हैं वो बवाल उसे बवाल ही रहने दो

बात हैं जो खास उसे खास ही रहने दो
दिल की बात हैं दिल मे ही रहने दो

दिल के अरमानों को अरमान ही रहने दो
हम हैं शायर बदनाम हमे बदनाम ही रहने दो

समझना ना हम जनता को नादान चाहे जब सरकार हिला दूंगा

पल में बदल जाएगी ये कुर्सी
तुम बोलो मैं वो सरकार ला दूंगा

बस जागने की हैं देर
फिर देखो क्रांति का सैलाब ला दूंगा

सोया हुवा शेर हूँ जागा तो
भ्रष्ट नेताओं के लिए मौसम मैं खराब ला दूंगा
 
समझना ना हम जनता को नादान
चाहे जब सरकार हिला दूंगा

Wednesday 4 July 2018

आखरी बची है सांस , अपनी बाहों का हार देदे ।। लेना हैं आखरी सांस , आ अपनी बाहों में पनाह देदे ।।

आखरी बची है सांस , अपनी बाहों का हार देदे ।।
लेना हैं आखरी सांस , आ अपनी बाहों में पनाह देदे ।।

Tuesday 3 July 2018

डुबोकर ख़ुद को आँसुओं में मैं अपनी मोहब्बत उसिमे छोड़ आया

मुद्दतों बाद जिसपर दिल आया
मैं उसी को रुसवा कर आया

लगाकर इश्क़ का रोग
मैं ख़ुद को कहीं दूर छोड़ आया

बसा कर उसे दिल में
मैं ख़ुद को उसमे तड़पता छोड़ आया

कुछ मजबूरियाँ थी हालातों की
कुछ उसने भी था ज़ुल्म ढाया

डुबोकर ख़ुद को आँसुओं में
मैं अपनी मोहब्बत उसिमे छोड़ आया