Monday 1 August 2022

एक नई ड़ोर हुँ मैं

 जो करते हैं पसंद उन्हें सलाम 

नो नहीं करते उन्हें भी सलाम 
दुश्मनों को भी गले लगाते 
यहाँ नफ़रतों का क्या काम 
हमने तो मह्फ़िल में 
खुलकर दिल तोल दिए 
करते है जो अनदेखा 
उनसे भी हँसकर बोल दिए 
ऐसा नहीं के क़मज़ोर हुँ मैं 
एक नया भोर हुँ मैं 
इंसानियत की 

एक नई ड़ोर हुँ मैं 

Friday 3 June 2022

मानो गे यहाँ किसको तुम ख़ुदा ! यहाँ एक नहीं , सब के कई यार हैं !!

 यहाँ प्यार नहीं , धोखों का बाज़ार हैं !

इश्क़ के नाम पर , होता बस व्यापार हैं !! 


विपक्ष में बैठे रहते हैं उनके दिल में कई और भी !

यहाँ बदलती रहती रोज़ उनकी सरकार हैं !! 



मानो गे यहाँ किसको तुम ख़ुदा !

यहाँ एक नहीं , सब के कई यार हैं !! 


पता ही नहीं चल पता कभी !

धोखे में हम हैं , या धोखे से प्यार हैं !! 


करो जिसपर यहाँ भरोसा ,

उसी के हाथों होता , यहाँ दिल तार तार हैं !! 

Saturday 7 May 2022

जहां जहां रखता हुँ कदम माँ तु वहीं हैं


एक तेरे बिन कौन यहाँ पूरा हैं 

माँ तेरे बिन सब अधूरा हैं 

सुनी धरती सुना आसमाँ 

सुना ये घर संसार हमारा हैं 


चेहरे पर मुस्कान और पीछे आँसू छुपाना तेरा 

खुद भूखे रहकर मुझे खिलाना तेरा 

चोट लगने पर वो मरहम लगाना तेरा 

मस्ती करने पर वो मारना तेरा 


याद आती हैं तेरी हर बाते 

कहाँ गुजरती हैं बिन तेरे रातें 

माँ तुझसा कोई नहीं 

कोई तो ये रब को बता दे 


अब नहीं होती सुबह वैसी 

न होती रात वैसी 

न होता हैं चूल्हा वैसा 

न होती हैं रसोई में महक वैसी 


कौन जागता अब मुझको 

थक कर यूँही सो जाता हुँ 

दर्द से कराहता हैं बदन मेरा 

पर न जाने क्यों सुबह ठीक हो जाता हुँ 

 

माँ तु सच मुच जादूगर हैं 

तु नहीं हैं फिर भी यहीं कहीं हैं 

यादों में बाते में दर्द में धूप में 

जहां जहां रखता हुँ कदम माँ तु वहीं हैं

Monday 2 May 2022

छूट गया हैं जो पल पीछे उसे बुलाऊँ कैसे ! रात बड़ी तनहा हैं उसे भुलाऊँ कैसे !!

 छूट गया हैं जो पल पीछे उसे बुलाऊँ कैसे !

रात बड़ी तनहा हैं उसे भुलाऊँ कैसे !! 


भटक रहा हैं जो इर्द-गिर्द , उसे सम्भालूँ कैसे !

राह बड़ी अंज़ान , मैं खुद को राह दिखाऊँ कैसे !! 


ज़ख़्म देने वाले को  मैं गले लगाऊँ कैसे !

यादों का मंजर हैं सामने खड़ा , मैं उसे भगाऊँ कैसे 


जल रहा जो आग दिल में  मैं खुद को उसमें जलाऊ कैसे !

दूसरों के ख़ातिर , मैं खुद को सताऊँ कैसे !!



Saturday 16 April 2022

ग़म के सागर में डूब कर तु क्या पाएगा !


 ग़म के सागर में डूब कर तु क्या पाएगा !

ऐसे ही रहा तो एक दिन खुद के आंसुओं में डूब जाएगा !!


तैरना भी तो आता नहीं तुझे दुनिया के सागर में !

भटक गया जो इस सागर में , तो कैसे इसपार आएगा !!


मत कर भरोसा इन चंद पल के रिश्तों पर !

वरना देखना एक दिन तु इनसे ही धोखा खाएगा !! 


किसी एक के लिए अपनो को छोड़ने वालों !

अगर अपने ही खो गए , तो कहाँ से उनको ढूँढ के लाएगा !! 

Wednesday 13 April 2022

कभी कभी सोचता हुँ••••••••

 कभी कभी सोचता हुँ••••••••

इन बेबस बेसहारों को कौन सुलाता होगा 

कौन इस नन्ही सी जान को दुलारता होगा 

भूख लगने पर किसको ये पुकारता होगा 

किसको कहता होगा अपने दर्द सारे 



कभी कभी सोचता हुँ••••••••

दर बदर भटक कर रोटियाँ कम ,

गलिया ही ज़्यादा खाता होगा ! 

अपने आँसू से ही ,

अपनी भूख और प्यास मिटाता होगा  !! 


कभी कभी सोचता हुँ••••••••

खिलौनो से खेलने की उम्र में 

आँसुओ से खेलने की इनकी उम्र तो नहीं 

इतनी सी उम्र में ,

इतनी जिम्मेदारियाँ उठाने की इनकी उम्र तो नहीं 


कभी कभी सोचता हुँ••••••••

कैसे दया नहीं आती किसी को इनपर 

क्यों कोई इनको नहीं अपनाता 

क्यों इनको मरने के लिए छोड़ देते हैं 

अपने चन्द ख़ुशियों के लिए 


कभी कभी सोचता हुँ••••••••

क्या ख़ुदा सच मुच हैं धरती पर 

अगर हैं तो क्यों बेसहारा हैं कोई

क्यों इनको भटकता हुवा छोड़ गया कोई 

क्यों इनकी आँखे नम रहती हैं 


Friday 1 April 2022

छोड़ आए वो मोहब्बत की गलिया. वो मुस्कान वो कलियाँ ! अब कोई न दिखाएँ हमें रास्ता , अब भा गई हमें अंधेर गलिया !!


छोड़ आए वो मोहब्बत की गलिया.

वो मुस्कान वो कलियाँ !

अब कोई न दिखाएँ हमें रास्ता ,

अब भा गई हमें अंधेर गलिया !! 

Thursday 31 March 2022

घमंडियों को राम राम दोस्तों को दुआ सलाम




 घमंडियों को राम राम 

दोस्तों को दुआ सलाम 

प्यार से बोलकर ख़रीद लो 

अकड़कर बोलने वाले का यहाँ क्या काम 


अपनी क़लम अपना कलाम 

सोचा न कभी अंजाम 

जो करना हैं कर लिया 

क्या पता कल हाथ न आए जीवन का जाम 

Thursday 17 March 2022

कई दिल में बसे , कई दिल तोड़ गए ! हाथों में हाथ मिलाकर , कई हाथ मरोड़ गए !!

कई


दिल में बसे , कई दिल तोड़ गए !

हाथों में हाथ मिलाकर , कई हाथ मरोड़ गए !! 


कई साथ आए , और कई साथ छोड़ गए !

कई चले संग संग , कई रुख़ मोड़ गए !! 


टूटा दिल बरसी आँखे  हँसी राहे !

न जाने फिर भी कैसे , दिल से दिल जोड़ गए !! 


असलियत के रिश्तों का , ये फ़ेस्बुक के रिश्तों ने !

भरा घमंड का घड़ा , ये पल भर में फोड़ गए !

Wednesday 16 March 2022

ये मोहब्बत भी ब्लॉक अनब्लॉक का खेल हैं…


ये मोहब्बत भी ब्लॉक अनब्लॉक का खेल हैं 

कोई पास तो कोई इसमें फेल हैं 

राज़ मोहब्बत का कोई जान न सके 

इसलिए कोई म्यूट तो कोई अनम्यूट हैं 

वाह रे वाह देखे तेरे सारे जलवे 

देकर लोगों को झाँसा बनता तु कितना क्यूट हैं

खेल मोहब्बत का कोई जान न सका…


खेल मोहब्बत का कोई जान न सका 


अपनी गलती यहाँ कोई मान न सका 


कैसे होंगे तुम उसके क़रीब 


जब तु उसके दिल में झांक न सका

Tuesday 8 March 2022

किसी के ज़्यादा क़रीब न जाना दोस्तों दिल को ऐसे तार तार न करवाना दोस्तों


किसी के ज़्यादा क़रीब न जाना दोस्तों 

दिल को ऐसे तार तार न करवाना दोस्तों 

पहले अपना कहेंगे फिर बेगाना

यूँ भरी बाज़ार अपनी इज़्ज़त नीलम न करवाना दोस्तों 

हम कोई नहीं किसी के ये जान गए पत्थर दिल हैं इंसान हम मान गए किसी अपने ने यूँ लताड़ा के हम अपनी औक़ात पहचान गए


 हम कोई नहीं किसी के ये जान गए 

पत्थर दिल हैं इंसान हम मान गए 

किसी अपने ने यूँ लताड़ा के  

हम अपनी औक़ात पहचान गए 

एक दिन का प्यार जगा हैं सब को हैपी वुमन डे कहा हैं

 एक दिन का प्यार जगा हैं 

सब को हैपी वुमन डे कहा हैं 


कल से फिर लग जाएँगे छेड़ने 
बहु बेटियों ने अक्सर जुल्म सहा हैं 

आँखों में उनके ख़ुशी के बदले 
दिन रात आँसू बहा हैं 

शरीफ़ता का नक़ाब ओढ़े 
 जो देखो वही इन्हें लुट रहा हैं 

औरत नहीं बस सामान हैं समझा 
जहाँ देखो वहीं इनका शोषण हुवा हैं 

Wednesday 23 February 2022

प्यार ने सिसक सिसक कर रोने के सिव दिया क्या क्यों फिर से ख़ुद को इस जाल में फ़साने चले हो


 क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो 

क्यों अपना दिल जलाने चले हो 


रातों को जागकर कोई बिछड़ा मिलता नहीं 

क्यों दिल को ऐसे झूठ से बहलाने चले हो 


झूठे सपने झूठे वादे झूठी मोहब्बत 

क्यों इनपर अपना सब कुछ  लुटाने चले हो 


उनकी यादों में अपना क्या हाल बना रक्खा हैं 

क्यों खुद को खुद से  ऐसे मिटाने चले हो 


प्यार ने सिसक सिसक कर रोने के सिव दिया क्या 

क्यों फिर से ख़ुद को इस जाल में फ़साने चले हो 

क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो क्यों अपना दिल जलाने चले हो

 क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो 

क्यों अपना दिल जलाने चले हो 


रातों को जागकर कोई बिछड़ा मिलता नहीं 

क्यों दिल को ऐसे झूठ से बहलाने चले हो 


हुस्न के गली से बचकर निकल जा 

क्यों अपना सब कुछ  लुटाने चले हो 


जिस्म की भूख बड़ी कुत्ती चीज़ हैं 

क्यों इसके पीछे अपना सब कुछ मिटाने चले हो 


सच्चा प्यार तो माँ बाप के कदमों में हैं 

क्यों हुस्न के जाल में खुद को फ़साने चले हो 


Tuesday 8 February 2022

ज़िंदगी दोस्तों के नाम

 ग़म और परेशानी का क्या काम 

ख़ुश रहना चाहो तो कर दो 

ज़िंदगी दोस्तों के नाम 



Sunday 6 February 2022

आज सुरों से बिछड़कर , एक सुर ढह गया ! बस याद उस मीठी आवाज़ की , हम सबके बीच रह गया !!

 आज सुरों से बिछड़कर , एक सुर ढह गया !

बस याद उस मीठी आवाज़ की , हम सबके बीच रह गया !!


Monday 31 January 2022

तेरा दर्द चाहिए



सुनो हमें तेरा प्यार नहीं , तेरा दर्द चाहिए !

जो रिश्ता कभी न टूटे ऐसा एक मर्ज़ चाहिए !!


तेरे आंसुओं में जी मर सकूँ !

बस मुझे ऐसा एक क़र्ज़ चाहिए !!


हक़ से जिसे मैं अपना कह सकूँ !

ऐसा एक फ़र्ज़ चाहिए !!

Monday 24 January 2022

घनघोर अंधियारा हैं कोई दीप जलाता ही नहीं !! लगता हैं इस राह , कोई आता ही नहीं !!


घनघोर अंधियारा हैं कोई दीप जलाता ही नहीं !!

लगता हैं इस राह , कोई आता ही नहीं !!

Saturday 22 January 2022

सुना हैं तेरी दुवा क़बूल हो जाती हैं ! दुवा करना के मेरी मौत से मुलाक़ात हो जाए !!


सुना हैं तेरी दुवा क़बूल हो जाती हैं !

दुवा करना के मेरी मौत से मुलाक़ात हो जाए !!

Tuesday 18 January 2022

पराई अमानत

 न जाने क्यों अब तेरा ,

हर घड़ी इंतज़ार रहता हैं !

जानता हूँ तु पराई अमानत  हैं , 

फिर भी ये दिल तेरे लिए  बेक़रार रहता हैं !


ढूँढता हूँ जिस चाहत को ,

न जाने क्यों दिल वो तु ही हैं ये कहता हैं 

खो न जाए इस दुनिया में फिर कहीं 

बस यहीं मलाल रहता हैं 


प्यार करना जुर्म हैं पराई अमानत से 

इस लिए ये दिल ख़ामोश रहता हैं 

पता हैं सारे बंधन , फिर भी न जाने क्यों 

हर पल मेरे लबों पर इकरार रहता हैं 


Saturday 15 January 2022

हम किसी पर मरते हैं , वो किसी और पर ! ये राज़ मोहब्बत में , उलझा हर नारी नर !!

 हम किसी पर मरते हैं , वो किसी और पर !

ये राज़ मोहब्बत में  , उलझा हर नारी नर !!


Friday 14 January 2022

Thursday 13 January 2022

मोहब्बत कर के किसी और से मुझसे छुपाना , ऐ खुदा अब तो तु मेरी धड़कन रुकना !

 


मोहब्बत कर के किसी और से मुझसे  छुपाना ,

 ऐ खुदा अब तो तु मेरी धड़कन रुकना !

इन आँसुओ में तुझसे रोज़ बात होती हैं

तुझसे बात नहीं होती क्या 


इन आँसुओ में तुझसे रोज़ बात होती हैं 


रकख़ा हैं सम्भालकर तेरी यादों को 

अब तो वहीं पर तेरी और मेरी मुलाक़ात होती हैं 


दिल को सम्भाल लेता हूँ 

जब जब तेरी सूरत आभास होती हैं 


वैसे तो सारे लोग हैं साथ  

पर एक तेरी कमी मुझे दिन रात होती हैं 


प्यार हमसे और वफ़ादारी किसी और से देखा हैं हमने तुम्हें बेवफ़ा होते हुवे बड़े गौर से


 प्यार हमसे और वफ़ादारी किसी और से 

देखा हैं हमने तुम्हें बेवफ़ा होते हुवे बड़े गौर से 

Sunday 9 January 2022

शहर में तेरे आकर , तुझको ना देखा तो क्या देखा ! चलती हैं मेरी साँसे तुझसे , तु ही मेरी जीवन रेखा !!


शहर में तेरे आकर , तुझको ना देखा तो क्या देखा !

चलती हैं मेरी साँसे तुझसे ,  तु ही मेरी जीवन रेखा !!

सच्चा इंसान रह गया अकेला , झूठे के पास लगा हैं मेला ! यहाँ जीतेगा वहीं , जिसने खेल हैं खेला !!

सच्चा इंसान रह गया अकेला ,

झूठे के पास लगा हैं मेला !

यहाँ जीतेगा वहीं ,

जिसने खेल हैं खेला !!


Thursday 6 January 2022

महफ़िलों की रौनके , बताती हैं मेरी आवारगियाँ ! हमने भी यूँही किसी पन्ने पर श्याहि व्यर्थ नहीं की !!


महफ़िलों की रौनके , बताती हैं मेरी आवारगियाँ !

हमने भी यूँही किसी पन्ने पर श्याहि व्यर्थ नहीं की !!

हँसी ख़ुशी से जीने दो यारों , यूँ तो ग़म बहोत हैं जीने में ! हँस लेते हैं चंद पल तुम्हारी बातों में , यूँ तो दर्द बहोत हैं सिने में !!


हँसी ख़ुशी से जीने दो यारों , यूँ तो ग़म बहोत हैं जीने में !

हँस लेते हैं चंद पल तुम्हारी बातों में , यूँ तो दर्द बहोत हैं सिने में !! 


हँसी मज़ाख की बातों से आवारा न समझो यारों !

नेक दिल इंसान हुँ , महक उठता हैं मेरा भी घर पसीने में !!


अकेला राहीं हुँ अपनी मंज़िल का , क्या हुवा जो कोई साथ नहीं !

और क्या कहूँ साथ मेरे बस , दो वक्त की रोटी और आँसू हैं पीने में !