Friday 3 June 2022

मानो गे यहाँ किसको तुम ख़ुदा ! यहाँ एक नहीं , सब के कई यार हैं !!

 यहाँ प्यार नहीं , धोखों का बाज़ार हैं !

इश्क़ के नाम पर , होता बस व्यापार हैं !! 


विपक्ष में बैठे रहते हैं उनके दिल में कई और भी !

यहाँ बदलती रहती रोज़ उनकी सरकार हैं !! 



मानो गे यहाँ किसको तुम ख़ुदा !

यहाँ एक नहीं , सब के कई यार हैं !! 


पता ही नहीं चल पता कभी !

धोखे में हम हैं , या धोखे से प्यार हैं !! 


करो जिसपर यहाँ भरोसा ,

उसी के हाथों होता , यहाँ दिल तार तार हैं !!