Tuesday 28 June 2016

जनम जनम का साथ था जिनका

जनम जनम का साथ था जिनका ,
उन्हें भी हमसे बैर हो गया !
वापस चल इस दुनिया से ए ज़िंदगी ,
इस दुनिया वालों को हमसे बैर हो गया !

Monday 20 June 2016

हर शाम सुहानी नहीं होती

          हर शाम सुहानी नहीं होती ,
      हर चाहत के पीछे कहानी नहीं होती !
    कुछ तो असर ज़रूर होगा मेरी शायरी में ,
वर्ना यू लड़कियाँ मेरे शायरी की दीवानी नहीं होती !
     
        

Sunday 19 June 2016

तुझे गीत बनाकर गुनगुनाने लगा हूँ

तुझे गीत बनाकर गुनगुनाने लगा हूँ ,

तेरी ज़ुल्फ़ों के साये में रहने लगा हूँ !

तेरे दिल में बसने लगा हूँ ,

मैं तुझी से तुझको चुराने लगा हूँ !



पापा सा जग में कोई नहीं

पापा सा जग में कोई नहीं 
उनके सिवा मेरा भगवान और कोई नहीं


हर शख्स गुनाहगार हैं 'कुदरत' के कत्ले आम में !ये हवाएं यूँ ही जहरीली नहीं हुई इस संसार में !!

हर शख्स गुनाहगार हैं 'कुदरत' के कत्ले आम में !
ये हवाएं यूँ ही जहरीली नहीं हुई इस संसार में  !!