Sunday 19 June 2016

तुझे गीत बनाकर गुनगुनाने लगा हूँ

तुझे गीत बनाकर गुनगुनाने लगा हूँ ,

तेरी ज़ुल्फ़ों के साये में रहने लगा हूँ !

तेरे दिल में बसने लगा हूँ ,

मैं तुझी से तुझको चुराने लगा हूँ !



No comments:

Post a Comment