Friday 27 November 2015
एक छोटी से बात पर , साथ उनका छूट गया !
आ मेरे पास ज़रा
Thursday 26 November 2015
सच की राह
तेरे होंठों पर ये तिल
प्यासे को पानी दो पंछी को दो दाना , भटकों को राह दिखा दो न यूँ तुम नींद भर सोना !
ख़ुशियों की तलाश में मैं भटकती रहे गई , मिली न ख़ुशी तो तन्हाई बटोरती रहे गई !
ये क़लम
हर हुस्न के अलग अलग जलवे हैं
याद फिर वहीं चेहरा धुँधला सा आया हैं
झूँठ के इस दल दल में , सच की राह नज़र नहीं आती !
तू ही राम तू ही रहीम , तू ही ख्वाजा तू ही पीर !
जीवन की भूल भुलैया
तनहा ही चला मैं , न कोई साथ साथी नज़र आया !
आज तुझमें खो जाने की रात हैं
आज मैंने मेरे खुदा को , मेरे लिए तरसते देखा !
चिर निद्रा
भरते थे जो दम दोस्ती का , आज सामने उनकी औक़ात आ गई !
ट्रेन का सफ़र
हुस्न और प्यादा
मेरे दिल की आज हसरत पूरी हो गई , मैं बेवफ़ा और वो वफ़ादार बन गई !
कभी मंज़िल बदल गई , कभी तू बदल गई !
प्यास और बेवफ़ाई
अब कहाँ राम मिलते हैं
Wednesday 25 November 2015
सर्द भरा मौसम
Saturday 21 November 2015
तलाश
Friday 13 November 2015
आप आज की बातें करते हैं , और हम कल में जीते मरते हैं !
आप आज की बातें करते हैं ,
और हम कल में जीते मरते हैं !
भूत क्या भविष्य क्या ,
आपका सब उज्जवल हो जाए !
न आए कभी ग़म का साया ,
रहे सदा तुम पर ख़ुशियों का छाया !
एक आँसु भी जो टपके तो ,
वो गिरकर हीरा मोती बन जाए !
इस साल में कुछ हो ऐसा ,
आप पत्थर से पारस बन जाए !
फूलों की गुड़िया आफत की पुड़िया
दिखती हों तुम फूलों की गुड़िया ,
पर हो तुम एक आफत की पुड़िया !
मधु जैसा हैं हुस्न तुम्हारा ,
पर दिमाग से थोड़ा पैदल हो !
दिल्लगी के नाम पर तुम ,
सदा ही खुर्चालिया करती हो !
प्यार जताकर सदा ही तुम ,
सबका दिल तोड़ती हो !
चलती हो जब यूँ बलखाकर ,
कितनो को मार गिराती हो !
अपने इन्ही अदाओं से ,
तुम सबपर बिजली गिराती हों !
अपने इस नैनो की जाल से ,
प्रेम जाल बिछाती हो !
फिर थोड़ा सा पास बुलाकर ,
सदा ही सब को ठगती हो !
भोली भाली सूरत हैं तेरी ,
पर बड़ी शरारत करती हो !
मस्ती में तुम बिलकुल ,
सबकी नानी लगती हो !
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना
रहेना तुम सदा आबाद
हम तो राही हैं सफर के
रहेंगे यूँही सदा बर्बाद
बार बार ना हम आएंगे
ना करिए यूँ इंकार
इस बार जो चले गए हम
आएंगे बस तुम्हें हम याद
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
फिर ना नज़र आएंगे हम
ना होगा फिर मेरा दिदार
अब के जो मुँह मोड़ा तो
फिर ना मुड़कर आएंगे इस बार
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
दिन रात तड़पोगी हम बिन
तड़पोगी करवट बदल कर हर बार
अब के सावन जो आया तो
आएंगे हम भी तुम्हे याद
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
ख्वाबों में सताएंगे तुम्हे आकर
बेचैन हो जाओगी अब के बार
चैन ना पाओगी एक पल का
इतना याद आएंगे बार बार
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
दिल को मेरे जो तोडा तुमने
तोडा तुमने अपना ही भाग्य
आज तो मुँह फेरकर चली गई
क्या होगा कल तेरा मेरे बाद
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना
रहेना तुम सदा आबाद
हम तो राही हैं सफर के
रहेंगे यूँही सदा बर्बाद
बार बार ना हम आएंगे
ना करिए यूँ इंकार
इस बार जो चले गए हम
आएंगे बस तुम्हें हम याद
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
फिर ना नज़र आएंगे हम
ना होगा फिर मेरा दिदार
अब के जो मुँह मोड़ा तो
फिर ना मुड़कर आएंगे इस बार
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
दिन रात तड़पोगी हम बिन
तड़पोगी करवट बदल कर हर बार
अब के सावन जो आया तो
आएंगे हम भी तुम्हे याद
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
ख्वाबों में सताएंगे तुम्हे आकर
बेचैन हो जाओगी अब के बार
चैन ना पाओगी एक पल का
इतना याद आएंगे बार बार
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
दिल को मेरे जो तोडा तुमने
तोडा तुमने अपना ही भाग्य
आज तो मुँह फेरकर चली गई
क्या होगा कल तेरा मेरे बाद
खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!
कल तक थे तेरे जो साथी आज वहीँ तेरे दुश्मन हैं , आँखे खोल के देख जरा तेरे अपने ही तेरे दुश्मन हैं !
सच्चा बनिए पर न बनिए चुग़ल ख़ोर ,
एक पैसे के ख़ातिर न फैलाओ झूँठ चहुओर !
सच बोलिए पर न बोलिए कभी झूँठ ,
ईश्वर का अंश हो बनो सच का ज्योत !
साया बनकर प्यार का चमको चहुओर ,
छाया दो रही को न भटकाओ उसे कहीं और !
प्यासे को पानी दो पंछी को दो दाना ,
भटकों को राह दिखा दो न यूँ तुम नींद भर सोना !
राहों में काँटे हैं बहोत ज़रा बच के तुम चलना ,
आने वाला हैं तूफान बड़ा जरा डट के तुम रहेना !
कल तक थे तेरे जो साथी आज वहीँ तेरे दुश्मन हैं ,
आँखे खोल के देख जरा तेरे अपने ही तेरे दुश्मन हैं !