Friday 13 November 2015

खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!

खुश रहेना तुम जहा भी रहेना
रहेना तुम सदा आबाद
हम तो राही हैं सफर के
रहेंगे यूँही सदा बर्बाद

बार बार ना हम आएंगे
ना करिए यूँ इंकार
इस बार जो चले गए हम
आएंगे बस तुम्हें हम याद

खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!

फिर ना नज़र आएंगे हम
ना होगा फिर मेरा दिदार
अब के जो मुँह मोड़ा तो
फिर ना मुड़कर आएंगे इस बार

खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!

दिन रात तड़पोगी हम बिन
तड़पोगी करवट बदल कर हर बार
अब के सावन जो आया तो
आएंगे हम भी तुम्हे याद

खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!

ख्वाबों में सताएंगे तुम्हे आकर
बेचैन हो जाओगी अब के बार
चैन ना पाओगी एक पल का
इतना याद आएंगे बार बार

खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!

दिल को मेरे जो तोडा तुमने
तोडा तुमने अपना ही भाग्य
आज तो मुँह फेरकर चली गई
क्या होगा कल तेरा मेरे बाद

खुश रहेना तुम जहा भी रहेना....!

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