Thursday 26 November 2015

प्यासे को पानी दो पंछी को दो दाना , भटकों को राह दिखा दो न यूँ तुम नींद भर सोना !

सच बोलिए पर न बोलिए कभी झूँठ ,
एक पैसे के ख़ातिर न फैलाओ झूँठ चहुओर !

सच्चा बनिए पर न बनिए चुग़ल ख़ोर  ,
एक पैसे के ख़ातिर न फैलाओ झूँठ चहुओर !

साया बनो प्यार का न दुश्मन बनाओ चहुँओर ,
छाया दो रही को न भटकाओ उसे कहीं ओर !

प्यासे को पानी दो भूखे को दो खाना ,
मंज़िल तेरी दूर बहोत हैं कही तू ठहर न जाना !

राहों में काँटे हैं ज़रा बच के तू चलना ,
हैं घनघोर अंधेरा ज़रा सम्भल कर रहना !

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