दुनिया के इस झमेले से ,
तू ही हमें बचाने वाला !
तूही राह भटकाने वाला ,
तूही राह दिखाने वाला !
तू ही राम तू ही रहीम ,
तू ही ख्वाजा तू ही पीर !
तूही ख़्वाब तूही हक़ीक़त ,
तू ही रांझा तू ही हीर !
तू ही साई तू ही फ़क़ीर ,
तू ही अल्लाह तू ही पैग़म्बिर !
जिस रूप में चाहों तुम ,
आए नज़र उसी रूप में फिर !
तू ही कृष्णा तू ही राधा ,
तू ही बाल गोपाल तू ही सुदामा !
इस झूठी दुनिया में ,
तू ही सच्चा राह दिखाने वाला !
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