Thursday 26 November 2015

तू ही राम तू ही रहीम , तू ही ख्वाजा तू ही पीर !

दुनिया के इस झमेले से ,

तू ही हमें बचाने वाला !

तूही राह भटकाने वाला ,

तूही राह दिखाने वाला !

तू ही राम तू ही रहीम ,

तू ही ख्वाजा तू ही पीर !

तूही ख़्वाब तूही हक़ीक़त ,

तू ही रांझा तू ही हीर !

तू ही साई तू ही फ़क़ीर ,

तू ही अल्लाह तू ही पैग़म्बिर !

जिस रूप में चाहों तुम ,

आए नज़र उसी रूप में फिर !

तू ही कृष्णा तू ही राधा ,

तू ही बाल गोपाल तू ही सुदामा !

इस झूठी दुनिया में ,

तू ही सच्चा राह दिखाने वाला !

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