बुजुर्गो से हैं जिंदगी अपनी ,
यही तो हैं ईश्वर अपने ,
ये ना होते दुनिया में ,
तो हम कहा से होते ,
इस सुंदर दुनिया का ,
फिर नजारा कहा से करते ,
यही है इस धरती के भगवान ,
इन्ही के चरणों में चारो धाम ,
इसलिए मैं कहता हूँ ,
बंद करो अपमान इनका ,
यही तो हैं जीवन अपना ,
आज वो बुजुर्ग हैं ,
कल तू भी बुजुर्ग होगा ,
समय का चक्र फिर ,
वहीँ घूमकर आएगा ,
कल तेरा ही बेटा तुझपर ,
रौब दिखाएगा ,
Monday 30 March 2015
बुजुर्गो से हैं जिंदगी अपनी , यही तो हैं ईश्वर अपने ,
दिल में भक्ति का ज्योत जलाकर
दिल में भक्ति का ,
ज्योत जलाकर ,
भजले बन्दे श्री राम !
तेरे इन सारे दुःखों को ,
हर लेंगे प्रभु श्री राम !
Sunday 29 March 2015
पत्थर पूजा तो क्या पूजा , दिल पूजै तो जानू !
पत्थर पूजा तो क्या पूजा ,
दिल पूजै तो जानू !
जो अपने माँ बाप को पूजै ,
उसे श्री राम सा मानु !
भक्ति से मुक्ति है ,
भक्ति ही मोक्ष का मार्ग !
जो मन माँ बाप को पूजै ,
वो मन श्री राम समान !
दिल में भक्ति का ज्योत जगालो ,
मन मंदिर में माँ बाप !
दिल से जो सेवा करे उनकी ,
वही तन बैकुंठ जाय !
भले संग भला होगा ,
बुरे संग बुरा !
जैसी जिसकी सोच ,
वैसा ही उसका भाग्य !
Wednesday 25 March 2015
हाथो से हाथ मिलाते चलो
हाथो से हाथ मिलाते चलो ,
मईया का जयकारा लगाते चलो !
इस अंधेर नगरी में राह कोई भटक न जाए ,
इसलिए हर राह दिप जलाते चलो !
Tuesday 24 March 2015
भक्तो की भक्ति हैं माता ही शक्ति
भक्तो की भक्ति हैं माता ही शक्ति ,
भक्ति ही जीवन हैं मन ही मंदिर !
बहते चलो भक्ति की सागर में ,
ये जीवन हैं बहता पानी !
Monday 23 March 2015
ये दुनिया हसीन लगने लगी , जब से मईया के शरणों में रहने लगा !
ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !
गम सारे अब दूर होने लगे ,
जब से मईया की आरती होने लगी ,
खुशियो की बारिश होने लगी ,
नवरात्र में मईया की पूजा जब से होने लगी ,
ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !
शरणों में आके मईया यूँ लगने लगा ,
मुझे मेरी माँ का प्यार मिलने लगा ,
नही कोई मुसीबत अब जिंदगी में ,
मईया की धुन जब से गाने लगा ,
ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !
हर टूटे दिल अब जुड़ने लगे ,
जब से मईया की ज्योत जलने लगी,
न जन्मों जनम फिर भटकना पड़ेगा ,
बस आज दरबार मईया के तुम्हे आना पड़ेगा ,
ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !
हर दुश्मनी दोस्ती में बदलने लगी ,
जब से मईया के दर पर आने लगा ,
हर मन्नते पूरी होने लगी ,
जब से इस दिल में मईया को बसाने लगा ,
ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !
Sunday 22 March 2015
न धन चाहिए न दौलत चाहिए
न धन चाहिए न दौलत चाहिए ,
मईया को सिर्फ भक्तो का प्यार चाहिए !
सच्चे दिल से जो भी आए दरबार में ,
बेडा उसी का पार होगा संसार में !
Friday 20 March 2015
मैया का नवरात्र आया ! मेरी माता का नवरात्र आया ! शेरावाली का नवरात्र आया ! ज्योतावाली का नवरात्र आया !
मैया का नवरात्र आया !
मेरी माता का नवरात्र आया !
शेरावाली का नवरात्र आया !
ज्योतावाली का नवरात्र आया !
के सारे भक्तो के भाग्य खुलेंगे ,
के सब के दुःख हरेंगी मेरी मैया ,
लाटावाली का नवरात्र आया !
दुलारी मैया का नवरात्र आया !
दुर्गे माँ का नवरात्र आया !
मेहरा वाली का नवरात्र आया !
के सारे आओ भक्तो ,
जीवन इन पर लुटाओ भक्तो ,
मैया के गुण गावो भक्तो ,
के सब के भाग्य खोलेंगी मेरी मैया ,
अम्बे गौरी का नवरात्र आया !
श्यामा गौरी का नवरात्र आया !
सती मैया का नवरात्र आया !
वैष्णवी माता का नवरात्र आया !
मेरी मैया का नवरात्र आया !
सारे दुःखो को मैया ने भगाया ,
उच नीच का भेद भाव मिटाया ,
के सारे झूमे मिल के ,
के सारे नाचो गाओ मिलके ,
माँता के दर्शन पाओ भक्तो ,
विंध्याचल मैया का नवरात्र आया !
मैहर वाली मैया का नवरात्र आया !
महालक्ष्मी का नवरात्र आया !
मुम्बादेवी का नवरात्र आया !
के सारे भक्तो आओ मिलके ,
मैया को सजाओ मिलके ,
मैया के गुण गाओ मिलके ,
मैया की आरती उतारो दिल से ,
के सबका बेडा पर करे मैया मेरी ,
मैया रहसू वाली का नवरात्र आया !
मैया थावेवाली का नवरात्र आया !
माता कामख्या का नवरात्र आया !
अमिका भवानी का नवरात्र आया !
संग खुशियो का फुहार आया ,
सारे गमो को मैया ने मिटाया ,
संग नसीब को चमकाया ,
जो भी सच्चे मन से मैया को पुकारा ,
मैया ने उसके ही सर पर हाँथ घुमाया ,
मेरी माता का नवरात्र आया !
जगदम्बे का नवरात्र आया !
माँ करुणा मई का नवरात्र आया !
काली माता का नवरात्र आया !
के अब तो सब के भाग्य जगेंगे ,
के सब के दिलो से दिल मिलेंगे ,
के सब के मन्नते पूरी करे मैया मेरी ,
Thursday 19 March 2015
आँखों में अब समुन्दर हैं
आँखों में अब समुन्दर हैं ,
न जाने कहा रुका ये जीवन हैं ,
न जाने कहा छुट गया ,
जिसका नाम मौत ही जिंदगी हैं ,
उन्ही के यादों में जीना था ,
उन्ही के यादो में मरना था ,
पर जब चला वो बेवफाई का मंजर ,
तब उन्ही के हाँथो मिला खंजर ,
पता नही कैसे हम जिन्दा हैं ,
उस बेवफा पर अब भी हम फ़िदा है ,
किस मोड़ पर कौन कब रूठ गया ,
पता नही इस जिंदगी का उनसे क्या रिश्ता हैं !