Friday 13 March 2015

मुझसे न पूछो मेरा हाले दिल , मैं खुद की नजरो से उनको बचाए आ रहा हूँ !

चेहरे पर एक नकाब ओढ़े जी रहा हूँ ,
आँखों में समुन्दर छुपाएँ जी रहा हूँ !
मुझे न पूछो मेरा हाल दिल का ,
मैं दिन में भी एक दिप जलाए जा रहा हूँ !

हर वख्त तेरा नाम लबो पे लिए जा रहा हूँ ,
बस तेरे खातिर मैं जिए जा रहा हूँ !
 नींदों में भी अब बस मैं ,
तेरे ख्वाबो के सहारे जिए जा रहा हूँ !

हर मुश्किलो से लड़ा आ रहा हूँ ,
तूफानों से कश्ती बचाए आ रहा हूँ !
मुझसे न पूछो मेरा हाले दिल ,
मैं खुद की नजरो से उनको बचाए आ रहा हूँ !

जुदा होकर भी मैं अब तक जी रहा हूँ ,
न जाने कैसे ये साँस लिए जा रहा हूँ !
मैं तो कब से मर चूका हूँ यारो ,
ये अपनी लाश लिए न जाने कैसे जिए जा रहा हूँ !

अपमान का वो घूँट कब से पिये जा रहा हूँ ,
महफ़िल में भी तनहा जिए जा रहा हूँ !
मेरी खुश नशिबी तो देखो यारो ,
मैं अपनी ही बर्बादी खुद किये जा रहा हूँ !

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