Monday 30 March 2015

बुजुर्गो से हैं जिंदगी अपनी , यही तो हैं ईश्वर अपने ,

बुजुर्गो से हैं जिंदगी अपनी ,
यही तो हैं ईश्वर अपने ,
ये ना होते दुनिया में ,
तो हम कहा से होते ,
इस सुंदर दुनिया का ,
फिर नजारा कहा से करते ,
यही है इस धरती के भगवान ,
इन्ही के चरणों में चारो धाम ,
इसलिए मैं कहता हूँ ,
बंद करो अपमान इनका ,
यही तो हैं जीवन अपना ,
आज वो बुजुर्ग हैं ,
कल तू भी बुजुर्ग होगा ,
समय का चक्र फिर ,
वहीँ घूमकर आएगा ,
कल तेरा ही बेटा तुझपर ,
रौब दिखाएगा ,


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