Monday 23 March 2015

ये दुनिया हसीन लगने लगी , जब से मईया के शरणों में रहने लगा !

ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !

गम सारे अब दूर होने लगे ,
जब से मईया की आरती होने लगी ,
खुशियो की बारिश होने लगी ,
नवरात्र में मईया की पूजा जब से होने लगी ,

ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !

शरणों में आके मईया यूँ लगने लगा ,
मुझे मेरी माँ का प्यार मिलने लगा ,
नही कोई मुसीबत अब जिंदगी में ,
मईया की धुन जब से गाने लगा ,

ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !

हर टूटे दिल अब जुड़ने लगे ,
जब से मईया की ज्योत जलने लगी,
न जन्मों जनम फिर भटकना पड़ेगा ,
बस आज दरबार मईया के तुम्हे आना पड़ेगा ,

ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !

हर दुश्मनी दोस्ती में बदलने लगी ,
जब से मईया के दर पर आने लगा ,
हर मन्नते पूरी होने लगी ,
जब से इस दिल में मईया को बसाने लगा ,

ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणों में रहने लगा !

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