Saturday 30 April 2016

जख़्म हल्का सा था पर नासूर हो गया , ना जाने कौन कितना मगरूर हो गया !

जख़्म हल्का सा था पर नासूर हो गया ,
ना जाने कौन कितना मगरूर हो गया !
कीमत समझते नहीं इंसान की ,
कहेने को तो पत्थर भी आज भगवान हो गया !

तेरे बेवफ़ाई से मैं भी मशहूर हो गया ,
यहीं उनका आख़िर लफ़्ज़ मेरा तराना हो गया !
किसी की किसी को परवाह ही नहीं ,
कहेने को सारा ज़माना आज दोस्त हो गया !

जीने का फिर नया अंदाज़ मिल गया ,
फिर हमें एक नया सबक़ मिल गया !
ये दुनिया झूठो का बाज़ार ,
सच्चाई का यहाँ क़त्ले आम हो गया !

फिर मुझे धोखा मिल गया ,
फिर इश्क़ मेरा बर्बाद हो गया !
समझा था मैंने जिसको अपना ,
वही मेरा आज क़ातिल हो गया !

दीपक जलकर ख़ाक हो गया ,
मेरा जहाँ अंधियारा हो गया !
अब किस से उम्मीद करूँ ,
जब अपना ही हमें दग़ा दे गया !

मेरे सारे भ्रम आज तुम तोड़ दो

मेरे सारे भ्रम आज तुम तोड़ दो ,
चलो तुम भी मेरा आज दिल तोड़ दो !
फिर किसी की याद में ,
आज तुम मेरा साथ छोड़ दो छोड़ दो !

अपने सारे हद आज तुम तोड़ दो !
फिर मेरी ज़िंदगी ग़लत राह पर मोड़ दो !
जो करना हैं हश्र मेरा आज कर लो
तुम भी मुझे आज तनहा छोड़ दो !

फिर किसी के प्यार में मुझसे नाता तोड़ दो ,
अपना भी नाम ग़ैरों से जोड़ दो !
चलो आज फिर किसी के चाह में  ,
मेरे पीठ में ख़ंजर भोख दो !

Friday 29 April 2016

मंज़िल हैं अभी तेरी दूर ज़रा सम्भल कर चल , हर क़दम पर हैं काँटे तेरे राही ज़रा सम्भल कर चल !

मंज़िल हैं अभी तेरी दूर ज़रा सम्भल कर चल ,
हर क़दम पर हैं काँटे तेरे राही ज़रा सम्भल कर चल !

सफ़र हैं दूर पथ में हैं काँटे ज़रा सम्भल कर चल ,
नहीं रहेता यूँ सदा अँधेरा राही ज़रा सम्भल चल !

देगा नहीं यहाँ कोई तेरा साथ ज़रा सम्भल कर चल ,
आनेवाला हैं नया सबेरा राही ज़रा सम्भल कर चल !

ये दर्द ये दुःख नहीं रहेता सदा ज़रा सम्भल कर चल ,
आने को नई ख़ुशियाँ राही ज़रा सम्भल कर चल !

तेरे इंतज़ार में निगाहे लगाए बैठा हूँ , मैं तेरे प्यार में सारी दुनिया को भूलाए बैठा हूँ !


तेरे इंतज़ार में निगाहे लगाए बैठा हूँ ,
मैं तेरे प्यार में सारी दुनिया को भूलाए बैठा हूँ !

तेरे फिर लौट आने का मैं आस लगाए बैठा हूँ !
मैं तेरे प्यार में अपनो को रुलाए बैठा हूँ !

हर राहों में फूल बिछाए बैठा हूँ ,
मैं तेरे प्यार में अपना सब कुछ लुटाए बैठा हूँ !

इस अँधियारे में एक दीप जलाए बैठा हूँ ,
मैं तेरे प्यार में फिर जीने की उम्मीद लगाए बैठा हूँ !

दिल में बसा कर मैं तुझको , अपनी रानी बनाऊँगा ! तेरे प्यार के आँचल से , मैं सारे घर को सजाऊँगा !

दिल में बसा कर मैं तुझको ,
अपनी रानी बनाऊँगा !
तेरे प्यार के आँचल से ,
मैं सारे घर को सजाऊँगा !

चारों ओर होगा प्यार ही प्यार ,
नफ़रतों से दूर एक जहाँ बनाऊँगा !
 दिल से दिल का जहाँ हो संगम ,
मैं ऐसा एक आशियाना बनाऊँगा !

मैं दुश्मनों के भी दिल में ,
एक प्यार का फूल खिलाऊँगा !
मैं हर अँधियारे से लड़ने ,
एक प्यार का दीप जलाऊँगा !

बड़ी सभ्यता देखी तुझमें , गालियों में ही बात करती हो ! अपने ही भाई यार दोस्तों को , तुम सदा बदनाम करती हो !

बड़ी सभ्यता देखी तुझमें ,
गालियों में ही बात करती हो !
अपने ही भाई यार दोस्तों को ,
तुम सदा बदनाम करती हो !

ज़ुबा तेरी माशा अल्लाह ,
मिर्ची सी लगती हैं !
शरारत में तु तो ,
सबकी नानी लगती हो !

थोड़ा सा प्यार जताकर ,
फिर दिल तोड़ देती हो !
बातों ही बातों में ,
सब कुछ लूट लेती हो !

दिखाकर किसी को राह ,
फिर भटका देती हो !
बुलाकर पास बड़े प्यार से ,
फिर ठोकर मारती हो !

Thursday 28 April 2016

उन्होंने कहा बदल जाओ , मैं ख़ुद को बदल न सका ! बस मेरी यहीं कमी थी , उनको मैं जता न सका !

उन्होंने कहा बदल जाओ ,
मैं ख़ुद को बदल न सका !
बस मेरी यहीं कमी थी ,
उनको मैं जता न सका !

बहेने को थे आँखों से आँसू ,
पर मैं बहा न सका !
सामने से निकल गई वो ,
और मैं उसे पुकार न सका !

एक हीं जान थी सिने में ,
जिसे मैं बचा न सका !
ए कैसी मजबूरी हैं यारों ,
मैं अपनी चाहत उसे बता न सका !

जो बात थी दिल में ,
उसे ज़ुबा तक ला न सका !
मैं तेरे बिन सनम ,
एक पल भी जी न सका !

Wednesday 27 April 2016

तेरे ज़ुल्म सितम से मैं , फूट फूट कर आज रोया हूँ ! अभी न जगाना मुझे , अभी तो चैन की नींद सोया हूँ !

तेरे ज़ुल्म सितम से मैं ,
फूट फूट कर आज रोया हूँ !
अभी न जगाना मुझे ,
अभी तो चैन की नींद सोया हूँ !

अभी अभी हूवा हु तनहा ,
अभी अभी टूटा हूँ मैं !
आँखो में छाया अंधियारा ,
अब तो चैन की नींद सोने दो !

अभी अभी तो सुकून मिला हैं ,
सपनो की दुनिया में खोने दो !
भाड़ में जाए दुनिया सारी ,
चैन की नींद मुझे सोने दो !

अपने रोयें रोने दो ,
साथ छूटे छूटने दो !
क्यों इतना सोचते हो ,
अब तो मुझे सोने दे !

टूटे आज रिश्ते सारे ,
छूटे आज संघी साथी !
बंद करके इन आँखो को ,
मुझे अब तो सोने दो !

बहोत तरसा हू सोने को ,
सोऊ तब तक मुझे सोने दो !
मत रोना मेरे दुःख में ,
अब तो मुझे चिर निद्रा सोने दो !

मुझे जगाने की हठ में ,
तु क्यों सिसक सिसक कर रोया हैं !
चुप होज़ा पगले कभी तो ,
तुम्हें भी चिर निद्रा में सोना हैं !

फिर मिलने का कोई वादा नहीं , साथ निभाने का कोई इरादा नहीं !

फिर मिलने का कोई वादा नहीं ,
साथ निभाने का कोई इरादा नहीं !
पल में ग़ैर बना दिया मुझे ,
कहेती हैं तुमसे मेरा कोई वास्ता नहीं !

उनके दिल में प्यार नहीं ,
मेरा भी अब कोई अरमान नहीं !
सो रहा नसीब अपना ,
मुझपर किसी को एतबार नहीं !

ज़िंदगी के राह में कोई अपने साथ नहीं ,
यहाँ कोई किसी का सच्चा यार नहीं !
तुम जहाँ भी रहेना ख़ुश रहेना ,
अब मुझे भी किसी पर विश्वास नहीं !

Tuesday 26 April 2016

मौसम की तरह बदल गई वो , बेग़ाना मुझे पल में कर गई वो !

मौसम की तरह बदल गई वो ,
बेग़ाना मुझे पल में कर गई वो !
न आया तूफ़ान न आया सैलाब ,
न जाने क्यूँ हमसे रूठ गई वो !

कुछ दूर साथ आकर मुँह मोड़ गई वो ,
प्यार जताकर दिल तोड़ गई वो !
एक पल लगा अब तो कोई अपना मिला ,
सपने दिखाकर फिर दिल तोड़ गई वो !

लहेरो की तरह आकर निकल गई वो ,
शोहरत के लिए मेरा इस्तेमाल कर गई वो !
मैंने समझा भगवान वो निकली पत्थर ,
चंद पैसों के ख़ातिर रिश्ता तोड़ गई वो !

Thursday 21 April 2016

आज दुनिया में ये कैसा समय आया हैं , आज नर को मैंने नारी के भेष में पाया हैं !

आज दुनिया में ये ,
कैसा समय आया हैं !
आज नर को मैंने ,
नारी के भेष में पाया हैं !
अपने हीं लिंग पर उन्हें ,
लगता हैं विश्वाश नहीं !
नर के खाल में वो ,
नारी सा पेश आता हैं !
क्रीम पावडर लगाकर ,
लहराता शर्माता हैं !
लड़का होकर भी ,
एक लड़की सा सरमाता हैं !
चाल ढाल बोल चाल ,
सब लड़की जैसे !
लड़का होकर भी वो ,
लड़के से आशिक़ी फ़रमाता हैं !

Wednesday 20 April 2016

शिव पूजा

(१) :- 
जीवन की राह पर उन्हें भी याद कर लिया करों ,
दिन भर न सहीं एक बार नाम ले लिया करों !
बेड़ा पार करेंगे शिव शंभु भोले नाथ ,
बस दिल से शिव शंकर का नाम ले लिया करों !
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
(२) :-
रास्ता भटक गए तो मेरे साथ आओ ,
दिल हैं टूटा तो मेरे साथ आओ !
सुबह शाम मेरे शरणों में रहेकर ,
ॐ नमः शिवाय का जाप लगाओ !
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
(३) :- 
दिल में लोगों को बसाते चलो ,
होंठों से नग़मे गुनगुनाते चलो !
हर मुश्किल हो जाए आसान ,
ॐ नमः शिवाय का जाप लगाते चलो !

दिल में प्यास जागते चलो ,
मिलन की आस जगाते चलो !
मिल जाएँगे तुमको मंज़िल ,
हर हर महादेव गाते चलो !

सब दुःखों को भुलाते चलो ,
इस अँधियारे में एक दीप जलाते चलो !
हो जाएँगी मुरादें पूरी तेरी ,
बस दिल से शिव शंकर का नाम लेते चलो !

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
(4)
कभी किसी से की मिन्नते कभी किसी को दिया वास्ता ,
गोली मारो इश्क़ को चलो करते हैं शिव की साधना !

कभी किसी के पीछे भागे कभी किसी के आगे आगे ,
छोड़ो ये सब चक्कर चलो करते हैं शिव की साधना !

कभी मोहब्बत में तो कभी ख़ुद को पैसों पे लूटा दिया ,
गर पाना हैं सच्ची राह तो चलो करते हैं शिव की पूजा !

कभी पास रहेकर तो कभी दूर रहेकर लूट गए ,
बस तुझे पाने के ख़ातिर हम करते हैं शिव को पूजा !

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Tuesday 19 April 2016

उनकी हर बद्दुआ को हम दुआ समझते रहे गए , हम अपनी ही बर्बादी पर जश्न मानते रहे गए !

उसने माँगी थी मौत मेरी इस लिए हम गुज़र गए ,
हम अपने प्यार के ख़ातिर मौत से लड़ गए !

उनके दिए हुवे जहेर को हम अमृत समझकर पी गए ,
हम अपनी मौत का ख़ुद तमाशा देखते रहे गए !

उनको बिठाकर ऊँचाई पे हम ख़ुद नीचे गिर गए ,
क्या बताऊँ यारों हम उनकी चाहत में क्या क्या कर गए !

उनकी हर बेवफ़ाई को हम वफ़ा समझते रहे गए ,
एक बेवफ़ा से दिल लगाकर हम जीते जी मर गए !

उनकी हर बद्दुआ को हम दुआ समझते रहे गए ,
हम अपनी ही बर्बादी पर जश्न मानते रहे गए !

Sunday 17 April 2016

चाहे शिव शंकर बोलो , चाहे भोले नाथ बोलो !

चाहे शिव शंकर बोलो ,
चाहे भोले नाथ बोलो !
हर रूप में मिल जाएँगे ,
जय शिवश्म्भो बोलो !
चाहे नील कंठ बोलो ,
चाहे महारुद्र बोलो 
सब कीं मन्नत पुरी करते ,
जय बम बम भोले बोलो !
चाहे मृत्युंजय बोलो ,
चाहे ॐ नमः शिवाय बोलो !
सब के दुःख हरता ,
जय आदिनाथ बोलो !

Friday 15 April 2016

ये दुनिया हसीन लगने लगी , जब से मईया के शरणो में रहने लगा !

ये दुनिया हसीन लगने लगी ,
जब से मईया के शरणो में रहने लगा !
मईया की धुन बजने लगी ,
जब से मईया के शरणो में रहेना लगा !

ग़म सारे अब दूर होने लगे ,
जब से मईया के भजन हम गाने लगे !
ख़ुशियों की बारिश होने लगी ,
जब से नवरात्र में मईया की पूजा होने लगी !

ये दुनिया हसीन लगने लगी..........

मईया के शरणो में आकर यू लगने लगा ,
मुझे मेरी माँ का प्यार मिलने लगा !
नहीं ज़िंदगी में कमी अब कोई ,
मईया की धुन जब से गाने लगा !

ये दुनिया हसीन लगने लगी..........

मईया की ज्योत जब जलने लगेगी ,
हर टूटे दिल तब जुड़ने लगेंगे  ,
न जन्मो जनम फिर भटकना पड़ेगा ,
बस मईया के दर तुमको आज आना पड़ेगा !

ये दुनिया हसीन लगने लगी..........

हर दुश्मनी दोस्ती में बदलने लगी ,
जब से मईया के दर आने लगे !
हर मन्नते पूरी होने लगी ,
जब से इस दिल में मईया बसने लगी !

ये दुनिया हसीन लगने लगी..........

Writer :- ॐTiwari

Monday 11 April 2016

फिर क्यूँ तेरी आँखो में आज मेरी सूरत नज़र आइ

हर जगह फैली हुई रात की स्याही ,
ऐसे में मुझे फिर तेरी याद आइ  !

जब जब आसमान में चाँद नज़र आया ,
तब तब उस चाँद में मुझे तेरी सूरत नज़र आइ !

जब भी कश लगाकर सोचा तेरे बारे में ,
हर उड़ते धुएँ में मुझे तेरी सूरत नज़र आइ !

चलो ये भी माना तुम मुझे नहीं चाहती ,
फिर तुझमें मेरी झलक क्यों नज़र आइ !

तेरे दिल में मैं नहीं बसता ये भी माना ,
फिर क्यूँ तेरी आँखो में आज मेरी सूरत नज़र आइ !

Sunday 3 April 2016

क्या ख़ूब तमाशा करते हैं वो क्या ख़ूब तमाशा करते हैं !

बेवफ़ाई करके वो वफ़ा की बातें करते हैं ,
क्या ख़ूब तमाशा करते हैं वो क्या ख़ूब तमाशा करते हैं !

ख़ुद घाव देकर मरहम लगाने आते हैं ,
बिखरी हुई छांव में धूप दे जाते हैं !

न जाने क्यूँ वो बहेकी बहेकी बातें करते हैं ,
सामने मंज़िल हैं और जुदाई की बातें करते हैं !
क्या ख़ूब तमाशा करते हैं वो........

दिल तोड़कर मेरा फिर हसने को कहते हैं ,
बहारों के मौसम में पतझड़ की बातें करते हैं !

ख़ुद बेवफ़ा होकर हमें बेवफ़ा कहते हैं ,
जले हुवे चरागो को बुझाने की बातें करते हैं !
क्या ख़ूब तमाशा करते हैं वो........

Friday 1 April 2016

ये ब्रिज गिरने का क़िस्सा तीन साल पुराना हैं , ये कोई नई बात नहीं ये तो वहीं खेल पुराना हैं !

ये ब्रिज गिरने का क़िस्सा तीन साल पुराना हैं ,
ये कोई नई बात नहीं ये तो वहीं खेल पुराना हैं !
तीन साल पहले गिरा था उल्टाडांगा में ,
अभी गिरा उसी का हिस्सा गणेश टाक़ीस क्रॉसिंग में !

ये मौत का नंघा नाच और कब तक चलेगा ,
यूँही बे मौत इंसान और कब तक मरेगा !
शायद लोगों इसमें अपना भी क़सूर हैं ,
ये तो उसी घूसख़ोरी का सबूत हैं !

चंद पैसों के ख़ातिर तुम ये कांड कर रहे ,
इस धरती पर मानवता को तुम शर्मसार कर रहे हैं !
मिलावटी ब्रिज बनाकर तुमने अच्छा काम किया हैं ,
इंसानियत को आज तुमने हैवानियत का नाम दिया हैं !

मिलावट का ज़माना मिलावटी दुनिया के सारे लोग ,
चंद पैसों के ख़ातिर मिलावट करते ये सारे लोग !
क्या क़सूर था उनका जो ब्रिज के नीचे दबकर मर गए ,
हे भगवान उनको स्वर्ग में भेजना जो आज बे मौत मर गए !