Wednesday 23 February 2022

प्यार ने सिसक सिसक कर रोने के सिव दिया क्या क्यों फिर से ख़ुद को इस जाल में फ़साने चले हो


 क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो 

क्यों अपना दिल जलाने चले हो 


रातों को जागकर कोई बिछड़ा मिलता नहीं 

क्यों दिल को ऐसे झूठ से बहलाने चले हो 


झूठे सपने झूठे वादे झूठी मोहब्बत 

क्यों इनपर अपना सब कुछ  लुटाने चले हो 


उनकी यादों में अपना क्या हाल बना रक्खा हैं 

क्यों खुद को खुद से  ऐसे मिटाने चले हो 


प्यार ने सिसक सिसक कर रोने के सिव दिया क्या 

क्यों फिर से ख़ुद को इस जाल में फ़साने चले हो 

क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो क्यों अपना दिल जलाने चले हो

 क़िस्मत का लिखा मिटाने चले हो 

क्यों अपना दिल जलाने चले हो 


रातों को जागकर कोई बिछड़ा मिलता नहीं 

क्यों दिल को ऐसे झूठ से बहलाने चले हो 


हुस्न के गली से बचकर निकल जा 

क्यों अपना सब कुछ  लुटाने चले हो 


जिस्म की भूख बड़ी कुत्ती चीज़ हैं 

क्यों इसके पीछे अपना सब कुछ मिटाने चले हो 


सच्चा प्यार तो माँ बाप के कदमों में हैं 

क्यों हुस्न के जाल में खुद को फ़साने चले हो 


Tuesday 8 February 2022

ज़िंदगी दोस्तों के नाम

 ग़म और परेशानी का क्या काम 

ख़ुश रहना चाहो तो कर दो 

ज़िंदगी दोस्तों के नाम 



Sunday 6 February 2022

आज सुरों से बिछड़कर , एक सुर ढह गया ! बस याद उस मीठी आवाज़ की , हम सबके बीच रह गया !!

 आज सुरों से बिछड़कर , एक सुर ढह गया !

बस याद उस मीठी आवाज़ की , हम सबके बीच रह गया !!