Saturday 21 November 2015

तलाश

मैं आया ख़ुद की तलाश में ,

पर गुम हु तेरी तलाश में !

मिल जाए खुदा तो ऊससे पूछूँ ,

कहा हैं वो आया मैं जिसकी तलाश में !

जो अब तक मिला नहीं ,

निकला हु बस उसी तलाश में !

बीत रही हैं शाम ज़िंदगी की ,

बस तेरी तलाश में !

अब तक तो वो मिली नहीं ,

निकला हूँ जिस मंज़िल की तलाश में !

अब के साल कुछ ऐसा हो जाए ,

मंज़िल निकले मेरी तलाश पर !

Writer :- ॐTiwari

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