मैं आया ख़ुद की तलाश में ,
पर गुम हु तेरी तलाश में !
मिल जाए खुदा तो ऊससे पूछूँ ,
कहा हैं वो आया मैं जिसकी तलाश में !
जो अब तक मिला नहीं ,
निकला हु बस उसी तलाश में !
बीत रही हैं शाम ज़िंदगी की ,
बस तेरी तलाश में !
अब तक तो वो मिली नहीं ,
निकला हूँ जिस मंज़िल की तलाश में !
अब के साल कुछ ऐसा हो जाए ,
मंज़िल निकले मेरी तलाश पर !
Writer :- ॐTiwari
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