Friday 27 November 2015

आ मेरे पास ज़रा

तेरे इन गेसुओ को ,
आज मैं सँवार दूँ !
तेरे होंठों की लाली को ,
आ मैं और निखार दूँ !
बहोत तड़पाती हो हमको ,
अपने इन नैनो से ,
आ मेरे जीवन में ,
तेरी माँग मैं सवार दूँ !
आ मेरे पास ज़रा ,
होंठों से होंठ मिला दूँ !
एक प्यार भरा जाम आज ,
मैं तुझे भी पिला दूँ !
हम तो कब से तड़प रहे ,
आ मुझे तू सवार दे !
निखर जाए बदन तेरा ,
आ मैं आज तुझे तराश दूँ !

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