Sunday 14 February 2016

एक सुंदर सपना हों तुम

एक सुंदर सपना हों तुम ,
कल कल करती नादिया हों तुम !
आप ही आफ़रीन आप हीं परी ,
हर जवाँ दिल के ख़्वाबों की मलिका हों तुम !

क्या मिसाल दूँ मैं आपकी दुनिया को ,
आप ख़ुद में एक जवाब हों तुम !
आप सा तो वो खुदा भी सुंदर नहीं ,
सुंदरता की पहेचान हों तुम !

आप के मुस्कान की बात निराली ,
आप के चेहरे की शान निराली !
आप जैसा कोई नहीं ,
लाखों में आप सब से प्यारी !

नई सुबह की नई किरण हों तुम ,
सुंदरता की मूरत हों तुम !
आप से सिखा लहेराना सागर ने ,
सच बोलू तो डुबतों की पतवार हों तुम !

आसमान की चाँद हों तुम ,
इस दुनिया की जान हों तुम !
हर दिल की धड़कन हों ,
हर जीने वालों की पहली आस हों तुम !

तारों का जहाँ हों तुम ,
इस धरती की शान हों तुम !
आप हीं सब के सपनो की परी ,
सच में सबके आँखों का तारा हों तुम !

No comments:

Post a Comment