Saturday 20 February 2016

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त ,
मैंने बोला प्यार हो गया ,
उसने बोला धत्त !

बाग़ों में गुलाब हैं आसमान में चाँद हैं ,
हाँथों में हाँथ हैं तेरा मेरा साथ हैं ,
तु तो लाजवाब हैं तु तो लाजवाब हैं ,
हा मुझको तुमसे प्यार हैं हा मुझको तुमसे प्यार हैं ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

सुबहों से शाम हो गई शाम से रात हो गई ,
मेरी उनसे कुछ ऐसी बात हो गई ,
बातों ही बातों में ये आँखें चार हो गई ,
मैंने बोला तुम कितनी हँसी हो गई ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

आज मैं बेक़रार हो गया ,
उस चाँद से मुखड़े का दीदार हो गया ,
आँखो ही आँखो में बात हो गया ,
मैंने बोला तुमको मुझसे मुझको तुमसे प्यार हो गया ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

उनसे हैं मुझको प्यार ये चर्चा आम हो गया ,
सब के ज़ुबा पर तेरा मेरा नाम हो गया ,
दोस्तों में मैं भी आज बदनाम हो गया ,
सच मुच मुझको तुमसे प्यार हो गया ,
तो उसने बोला धत्त !

धत्त तेरे की धत्त तेरे की धत्त.......

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