Thursday 31 December 2015

भारत की पहेचान

हर सुबह जहाँ मतवाली हैं ,
हर जगह जहाँ हरियाली हैं !
हर रोज़ जहाँ नए तराने ,
दुःख सुख के सब साथी हैं !

हैं नदियों का संगम यहाँ ,
गंगा जमुना सरस्वती यहाँ !
इतना देश के मिट्टी से प्यार हैं के 
यहाँ धरती भी माँ कहेलाती हैं !

सुंदरता की शान यहाँ ,
धरती के भगवान यहाँ !
धरती भी यहाँ पूजी जाती हैं ,
हर कण कण में हैं भगवान यहाँ !

हर दिल में बसता प्यार यहाँ ,
ममता की बरसात यहाँ !
मुश्किल अपनो पे आन पड़े तो ,
सब मर मिटने को तैयार यहाँ !

जहाँ संस्कारों की बात हैं ,
जहाँ भाई भाई में प्यार हैं !
जहाँ बेटी भी पूजी जाती हैं ,
यहीं मेरे भारत की पहेचान हैं !

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