Saturday 19 December 2015

आसमान की हूर हैं , या कोई नूर हैं ! दिल के आशियाने में , एक हल्का सा सुरूर हैं !

आसमान की हूर हैं ,
या कोई नूर हैं !
दिल के आशियाने में ,
एक हल्का सा सुरूर हैं !
सुंदरता की मूरत हैं ,
या कोई ख़्वाब हैं !
लगता हैं जैसे कोई ,
मंदिर की तू ज्योत हैं !
होंठो पर जो ये तेरा तिल हैं ,
गोरी यही मेरा दिल हैं !
कहे रहा ये पुकार के ,
मुझे तुझसे ही प्यार हैं !
तू ही मेरी अरमान हैं ,
तू ही मेरी जहान हैं !
मेरे प्यार की तुही मंजिल ,
तू ही मेरी आखरी कहानी हैं !

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