हर दिल में भक्ति जगालो
महाशक्ति का नवरात्र हैं
जो माँगे वहीं पाजाए
मेरी मैया का दरबार हैं
सच्चे मन से जो भी आए
उसिका बेड़ा पार हैं
जों न इनके दर पर आए
उसका जीना हीं बेकार हैं
हर दिल में भक्ति जगालो.........
दिया बत्ती धूप जलालो
हर राह में तुम दीप जलालो
सब के लिए मेरी माइयाँ का
खुला हमेशा दरबार हैं
हर दिल में भक्ति जगालो.........
जैसी शक्ति वैसी भक्ति
यहाँ सभी का बेड़ापार हैं
जो मिल जाए उसी में ख़ुश हो लेती
बड़ा ही सरल सा स्वभाव हैं
हर दिल में भक्ति जगालो.........
न कोई अमीर न कोई ग़रीब
यहाँ सभी एक समान हैं
न कोई दुश्मन न कोई पराया
मेरी माइयाँ का यहीं चमत्कार हैं
हर दिल में भक्ति जगालो.........
तुम भाई आओ धूप बत्ती जलाओ ,
हाथ जोड़कर माइयाँ का ध्यान लगाओ !
बन जाएँगे तेरे बिगड़े काम ,
बस चरणों में शीश झुकालो वही हैं सारे चारों धाम !
हर दिल में भक्ति जगालो.........
तूही शेरा वाली तूही ज्योता वाली ,
तूही मेहरा वाली तूही विंध्वासिनी ,
तूही हम भटकों को राह दिखाने वाली ,
यूँही सदा मेरे सर पर तेरा हाँथ रहें !
हर दिल में भक्ति जगालो.........
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