Sunday 13 December 2015

तू और तेरा हुस्न अब शराब बन चली हैं , देखने से हीं चढ़ जाए नशा तु वो शराब हों गई हैं !

तू और तेरा हुस्न ,
अब शराब बन चली हैं !
देखने से हीं चढ़ जाए नशा ,
तु वो शराब हों गई हैं !

सम्भल जाएँगे इस ,
मयकदे में सारे पीने वाले !
बस तेरी आँखों का ,
एक इशारा तो हों !

तेरा हुस्न एक मायक़दा ,
तेरे होंठ शराब का प्याला !
आँखों हैं शराब से भरी ,
तू पूरी बोतल की शराब !

तेरी आँखो में जो नशा हैं ,
आ उसका मैं जाम बना लूँ !
तु देखती जा जी भरकर मुझे ,
मैं एक मयखना तेरे नाम बना दूँ !

बोतल की नहीं ज़रूरत ,
आँखो से हीं तु जाम पिलादे !
तेरे हुस्न के नशे के में ,
तु आज मुझे डुबो दें  !

पीने वाले को होश न आए ,
इस क़दर तु जाम पिलादे !
नशा भरा तेरी जवानी में ,
अपने होंठों से तु बस जाम पिलादे !

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