Sunday 13 December 2015

ये रात बितने वाली हैं , नई सुबह आने वाली हैं !

ये रात बितने वाली हैं ,
नई सुबह आने वाली हैं !
उठ खड़ा होजा तनकर फिर ,
तेरी किस्मत चमकने वाली हैं !
भुलकर गीले शिकवे को ,
फिर नई राह तलाश !
ये अंत नही तेरे जिंदगी का ,
फिर एक नई उमंग जगा !
लड़खड़ाते क़दमो को ,
आज सहारा मिल जाएगा !
हर राह में एक वफादार मिल जाएगा ,
इतना बेदर्द नही ये जमाना !
इस अँधियारे में तुझे भी ,
एक दिपक प्यार का जलता मिल जाएगा !

No comments:

Post a Comment