Sunday 20 December 2015

सुबह के किरणों में , एक नया जीवन संगीत हैं !

सुबह के किरणों में ,
एक नया जीवन संगीत हैं !
हो प्यार से भरी ये दुनिया ,
यहीं उसके लबों पर गीत हैं !
हँसते गाते यूँही बीते ,
सब की सुबह की बेला !
फिर चुपकेसे आजाएगी ,
दोपहर सुनहरा !
इस धूप छांव के खेल में ,
बीत रहा जीवन का मेला !
कुछ वादे लेकर आई शाम ,
और रात हुई तो टूटे सारे अरमान !

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