Sunday 27 December 2015

कल तु भी मिट्टी में मिल जाएगा

वक़्त की मार से न कोई बचपाया हैं न कोई बच पाएगा ,
न समझ ख़ुद को खुदा ए बंदे कल तु भी मिट्टी में मिल जाएगा !

न कोई प्यार न कोई रिश्ता काम आएगा ,
जब उसका बुलावा आएगा तु दौड़ा चला जाएगा !

समय की धार से कोई न निकल पाएगा ,
जो आया हैं वो जाएगा जो जाएगा वहीं फिर आएगा !

यहीं हैं स्वर्ग यहीं हैं नर्क ये तु जब जान जाएगा ,
हँसते रहेना हीं जीवन का सार हैं तब तु भी ये मान जाएगा !

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