आज की इस दुनिया में ,
रावण ही राम पर हावी हैं !
इसलिए चारो और ,
भ्रष्टाचार आज जारी हैं !
घर घर में बैठा रावण ,
गली में न कहीँ राम हैं !
अब खुद ही सोचो लोगो ,
होना क्या अंजाम हैं !
पर उस युग का रावण ,
बड़ा ही संस्कारी था !
शिव का सच्चा भक्त ,
स्वर्ग तक उसने सीढ़ी बनाया था !
एक सच्चा ब्राह्मण था ,
एक शुरवीर योद्धा था !
बस अपनी मुक्ति की खातिर ,
उसने ये सारा खेल रचा था !
वेदों का ज्ञात था ,
सारे जग को उसने जीत था !
सीता को हर लाया ,
पर कभी न उसको उसने छुवा था !
आज के युग के रावण को देखो ,
पैसो पर जुल्म करता हैं !
और अपनी हवस के लिए ,
अपने ही माँ बहेनो की इज्जत लूटता हैं !
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