Friday 11 December 2015

सच्चाई की राह

सच्चाई की राह कभी अँधियारा नहीं होता ,
किसी झूठ का फिर साथ सहारा नहीं होता !

हवाओं को चलने से कोई रोक नहीं सकता ,
इरादे हो पक्के तो कोई तुम्हें भटका नहीं सकता !

इरादे रक्खो फ़ौलादी चट्टानों सा ,
जो लड़कर लहेरो से डगमग नहीं होता !

सच्चाई की धार बनकर बहो नदियों सा ,
जिनको बहेने के लिए किसी राह का ज़रूरत नहीं होती !

हर मुश्किल से लड़ना सीखों उन चिटियों से ,
जो गिर कर भी कभी अपनी मंज़िल नहीं छोड़ता !  

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