Tuesday 8 December 2015

ज्ञान की गंगा

कुछ न बाँटो तो न बाँटों ,
बाट लो ज्ञान की गंगा !
बाटने से बढ़ती हैं ,
बाट लो सारा आधा आधा !

हर जगह ज्ञान की गंगा बहेती हैं ,
बस तुझमें वो पहेचान चाहिए !
मिल जाएँगे हर क़दम पर तुझको ,
बस तुझमें वो विश्वाश चाहिए !

मन का अँधियारा मिट जाएगा ,
जब ज्ञान का दीप जलेगा !
होगा उजियारा ही उजियारा ,
जब ज्ञान का सूरज जलेगा !

अब के करना ना इंतज़ार तु ,
ले ले ज्ञान जहा से मिले !
बढ़ती ही जाएगी तेरी मूरत ,
जब तु और ज्ञान का सागर मिले !

जीवन के सफ़र में ,
जब तक तुझमें ज्ञान रहेगा !
तब तक सब के लबों पर ,
बस तेरा ही नाम रहेगा !

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