Monday 28 December 2015

आ रहा फिर नया साल

तेरे इंतज़ार में बीत रहा यें साल ,
अब तो आजा आ रहा फिर नया साल !

बीतें लमहों के साथ बीत रहा ये साल ,
फिर जीवन में आजाओ आ रहा फिर नया साल !

तड़प तड़प कर गुज़रा बिन तेरे ये मेरा सारा साल ,
अब तो आजा मेरे आँगन में बुला रहा ये नया साल !

कुछ ग़लतियाँ की जो हमने इस साल ,
आओ क़सम खायें न करेंगे वो ग़लतियाँ फिर नए साल !

सारे गिले शिकवे भूलकर आजाओ साथ हैं ये नया साल ,
फिर न बिछड़ेंगे हम कभी आओ क़सम खाए इस नए साल !

No comments:

Post a Comment