बेटा कहे रहा तू मेरा अब बाप नहीं !
बहू बोलती मुफ़्त की रोटियाँ बहोत तोड़ ली ,
चल निकल यहाँ से अब तेरा कोई काम नहीं !
आज ख़ून के रिश्तों ने क्या रंग दिखलाया हैं ,
अपनो ने ही आज अपनो को रुलाया हैं !
मंज़िल थी पास बहोत अपनो का भी साथ था ,
अपना किसी से बैर नहीं मुझे अपनो ने मार गिराया हैं !
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