सोनपुत्तर हूँ सोनगुड्डू हूँ ,
अपनी मम्मी का गोलू मोलू हूँ मैं !
मैं ही बसा सब के दिलों में ,
सबके दिलों ला राजा हूँ मैं !
राजापुत्तर कहो या राजा बेटा कहो ,
अपने पापा के दिल की धड़कन हु मैं !
बसते हैं आँखों में मेरे दो भाई ,
उन भाइयो का जान हूँ मैं !
मैं भाता हूँ सब की आँखों में ,
सब के जिगर का टुकड़ा हूँ मैं !
सपना हूँ मैं एक सलोना ,
अपनी माँ की ममता का मूरत हूँ मैं !
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