Wednesday 30 December 2015

सफ़र नए साल का

बढ़ चले हैं हम नए साल में नए सफ़र में नए डगर में ,
फिर आएँगी नई फ़िज़ाएँ नई कुछ राहें इस नए साल में !

जैसा भी था बड़ा सुहाना था सफ़र इस साल का ,
पर अब के साल सबका सफ़र सुहाना होगा !

हर रोज़ आसमान में चमकते हैं सूरज और तारे ,
पर इस साल कुछ ऐसा हों तुम चमकों आसमान में बनकर सितारे। !

आओ क़सम खाए बहेनो की लाज बचाए इस साल ,
बड़े बुज़ुर्गों व मात पिता की सेवा करें इस साल !

तभी ये नया साल सबका सफल होगा ,
जब अपनो के लिए अपनो के दिल में प्यार होगा !

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