बढ़ चले हैं हम नए साल में नए सफ़र में नए डगर में ,
फिर आएँगी नई फ़िज़ाएँ नई कुछ राहें इस नए साल में !
जैसा भी था बड़ा सुहाना था सफ़र इस साल का ,
पर अब के साल सबका सफ़र सुहाना होगा !
हर रोज़ आसमान में चमकते हैं सूरज और तारे ,
पर इस साल कुछ ऐसा हों तुम चमकों आसमान में बनकर सितारे। !
आओ क़सम खाए बहेनो की लाज बचाए इस साल ,
बड़े बुज़ुर्गों व मात पिता की सेवा करें इस साल !
तभी ये नया साल सबका सफल होगा ,
जब अपनो के लिए अपनो के दिल में प्यार होगा !
No comments:
Post a Comment