माँग कर वो मदत हमसे कहेती हैं ,
न फ़ोन करूँगी न मिलना होगा !
बस यहीं पूछती हैं वो हमसे ,
फिर भी तुम हमें मदत करोगे !
शायद उनको पता नहीं ,
उनको हमपर विश्वास नहीं !
वो जहा भी रहे ख़ुश रहे ,
हमें उनसे कुछ गिला नहीं !
ये बंधन हैं मन से मन का ,
ये उनको समझना होगा !
शायद हमें लगता हैं उनसे ,
पिछले जनम का कुछ नाता होगा !
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