Saturday 5 December 2015

शायद हमें लगता हैं उनसे, पिछले जनम का कुछ नाता होगा !

माँग कर वो मदत हमसे कहेती हैं ,

न फ़ोन करूँगी न मिलना होगा !

बस यहीं पूछती हैं वो हमसे ,

फिर भी तुम हमें मदत करोगे !

शायद उनको पता नहीं ,

उनको हमपर विश्वास नहीं !

वो जहा भी रहे ख़ुश रहे ,

हमें उनसे कुछ गिला नहीं !

ये बंधन हैं मन से मन का ,

ये उनको समझना होगा !

शायद हमें लगता हैं उनसे ,

पिछले जनम का कुछ नाता होगा !

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