Monday 8 August 2016

दिल में जो मलाल हैं उसे ज़ुबा तक लाइए

दिल में जो मलाल हैं उसे ज़ुबा तक लाइए ,
अपने आँखों को ज़रा मेरे रुमाल के पास लाइए !
हम औरों के लिए जीते हैं अपने लिए नहीं ,
गर हमपर हो भरोसा तो अपने ख़याल में मुझे लाइए !

अपने क़दमों को थोड़ा हमारे पास लाइए ,
बे ख़ौफ़ होकर अपने दिल का हाल बतलाए !
जीत और हार से मेरा कोई नाता नहीं ,
गर मेरे दोस्ती में हो कोई दाग़ तो मुझे बतलाइए !

गर तूफ़ानो में हो घिरी तो हमें बताइए ,
गर जानना हैं ज़ख़्म कि गहराई तो हमारे पास आइए !
न मैं कोई मझनु न न मैं कोई फ़रिश्ता ,
गर हो खोज में सच्चे दोस्त के तो मेरे पास आइए !

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